Wednesday, 21 September 2011

मेरी प्यारी माँ ....


आज यूंही बैठे बैठे आंखे भर आई हैं
कहीं से मां की याद दिल को छूने चली आई हैं
वो आंचल से उसका मुंह पोछना और भाग कर गोदी मे उठाना
रसोई से आती खुशबु आज फिर मुंह मी पानी ले आई है
बसा लिया है अपना एक नया संसार
बन गया हूं मैं खुद एक का अवतार
फिर भी न जाने क्यों आज मन उछल रहा है
बन जाऊं मै फिर से नादान्
सोचता हूं, है वो मीलों दूर बुनती कढाई अपने कमरे मे
नाक से फिसलती ऍनक की परवाह किये बिना
पर जब सुनेगी कि रो रहा है उसका बेटा
फट से कहेगी उठकर,"बस कर रोना अब तो हो गया है बड़ा"
फिर प्यार से ले लेगी अपनी बाहों मे मुझको
एक एह्सास दिला देगी खुदाई का इस दुनियां मे.
जाडे की नर्म धूप की तरह आगोश मे ले लिया उसने
इस ख्याल से ही रुक गये आंसू
और खिल उठी मुस्कान मेरे होठों पर....."

Tuesday, 20 September 2011

आज की युवा पीढ़ी एवम हमारा समाज..

सभी को सबसे पहले सादर प्रणाम,
मेरी समझ में ये नहीं आता है की एक तरफ हमारा युवा वर्ग देश की समश्याओं को सही करने के लिए अन्ना हजारे जी के साथ भी जुड़ रहा है बाबा रामदेव जी के साथ भी जुड़ रहा है..या अपने अपने स्तर पर जागरूक हो रहा है सभी देश हित की बात करते हैं ..लेकिन दूसरी तरफ हमारे समाज में फैली गंभीर समस्याओं की और भी सभी युवाओं को  ध्यान देना चाहिए ....


           आजकल की अधिकतर युवा पीढ़ी बड़ों का सम्मान करना भूल सी गयी है संस्कारों का अभाव देखने को कहीं भी मिल सकता है युवाओं की आम बोलचाल की भाषा में गाली गलोच घुलमिल गयी है ,युवा पीढ़ी गांजा, शराब,जुआ ,सिग्रेट जैसे नशे की बुरी लत में पड़कर अपना जीवन बर्बाद कर रही है..एवम अधिकतर बुडे बुजुर्ग लोगो की जिंदगी घर  के एक कोने में बेबस सी होकर रह गयी है क्योंकि बिना संस्कारित बेटे आज अपने बाप के बाप बन रहे हैं  कुछ तो इतने निर्लज्ज बेटे हैं जो अपने माँ बाप को घर में रखना ही पसंद नहीं करते हैं और किसी ब्रद्द आश्रम में जिंदगी के आखिरी पल काटने को मजबूर कर रहे हैं....क्या  हमारा समाज सही दिशा को जा रहा है..जिन माँ बाप ने पाला पोसा बड़ा किया उनका ही बाद में अनादर किया जा रहा है..


                  में भी युवा हूँ चारो तरफ समाज में फैली कुरीतियों को देखकर बड़ा द्रवित होता हूँ  मेरी नजर में हमारे समाज के बुद्दिजीवी वर्ग को एवम युवाओं को इन संगीन मुद्दों पर भी ईमानदारी से बहस करना चाहिए एवम सही विकल्प तलाशना चाहिए..ये मुद्दे अन्य मुद्दों से किसी भी हाल में कम गंभीर नहीं हैं हमें समाज सुधार की बहुत जरुरत है वर्ना वो दिन दूर नहीं जब माँ बाप को अपने नालायक बेटों के ही पैर छूना पड़ा करेंगे...
कृपया आप सभी लोग अपनी अपनी सलाह देकर अनुग्रहित करने की कृपा करें एवम मेरे लेख में जो गलतियाँ हों उनको छोटा बालक समझकर आप प्यार से समझाने का कष्ट करें,
आपका-राम कृष्ण शर्मा

अब भी चेतो

अन्ना हजारे के आंदोलन के चलते देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ वातावरण बनने लगा है। लेकिन राजस्थान में अब भी उल्टा चक्र चल रहा है। यहां सरकार भ्रष्टाचार के मामलों को दबाने में पूरा दम लगा रही है। न सिर्फ मामले दबाए जा रहे हैं, बल्कि कोशिश की जा रही है कि भूल से भी ऎसी प्रणाली नहीं बन जाए, जिससे भ्रष्टाचार उजागर होने लग जाए।

पिछले दो-तीन वर्षो से राजस्थान में सरकार की शीर्ष प्राथमिकता जाति के आधार पर नियुक्तियां करने की हो गई है, जिसे "सोशल इंजीनियरिंग" नाम दिया गया है। भ्रष्टाचार से निपटने का एजेडा कचरा पेटी में डाल दिया गया है।

ताजा उदाहरण प्रस्तावित लोकसेवाओं की अदायगी एवं सुनवाई गारंटी विधेयक के हश्र का है। पिछले बजट में घोषणा के बावजूद इसे शायद इसलिए विधानसभा के अगले सत्र में नहीं लाया जा रहा क्योंकि ऎसा हो गया तो भ्रष्ट नेताओं, अधिकारियों व कर्मचारियों के खाने-कमाने के रास्ते बंद हो जाएंगे। नहीं लाने के लिए तरह-तरह के बहाने गढ़े जा रहे हैं। लेकिन असलियत सिर्फ मंशा की है। मंशा होती है तो चौबीस घंटों में सचिवालय से उदयपुर तक फाइलें सरपट दौड़ा कर अवैध खानें आवंटित कर दी जाती हैं। मंशा नहीं हो तो कानों में रूई ठूंस ली जाती है।

लोकसेवा गारंटी विधेयक आता तो अफसरों को जनता से जुड़े -राशन कार्ड, बीपीएल कार्ड, बिजली-पानी कनेक्शन, शिक्षा के अधिकार के तहत दाखिले, वाहन लाइसेंस, जमीन के रिकार्ड की प्रति देने, चिकित्सा सेवा, पेंशन जैसे कार्य निर्घारित अवधि में हर हाल में पूरे करने पड़ते। यानी खाने-कमाने के रास्ते बंद! वह भी ऎसी कमाई जिसका हिस्सा ऊपर तक पहुंचता है। इसे कौन लागू होने देता? इसलिए विधेयक की फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी गई। यदि विधेयक आया भी तो उसे सुनवाई का अधिकार हटाकर लचर बना दिया जाएगा।

मंत्री-अफसर मिलकर भ्रष्टाचार छिपाने के नए-नए तरीके ईजाद कर लेते हैं। केन्द्र में जन लोकपाल की बात हो रही है पर राजस्थान में लोकायुक्त के पास जांच एजेंसी तक नहीं है। लोकायुक्त की रिपोर्ट कभी जनता के समक्ष प्रस्तुत नहीं की जाती, उन पर कार्रवाई होना तो दूर की बात है। तमाम जांच आयोग बनते हैं, पर उनकी रिपोर्ट भी दबा दी जाती है। आयोग की रिपोर्टे तो क्या, बीज कंपनियों और झील कब्जाने वाली कंपनी के साथ हुए एम.ओ.यू. को भी छुपा कर रखा जाता है ताकि उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार की पोल न खुल जाए। कई बार तो मंत्री तक विधानसभा में बेशर्मी से घोटालेबाजों की पैरवी करते नजर आते हैं।


शर्म की बात यह भी है कि भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने के बावजूद मंत्रियों को पदों से हटाया नहीं जाता। चाहे वन भूमि में खान चलाने का मामला हो, अवैध क्रेशर चलाने का अथवा आटा पिसाई में गड़बड़ी का। मंत्रियों को बेशर्मी से पदों पर बनाए रखा जाता है।

भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए बनाए गए सतर्कता आयुक्त व अधिकारी के पद सजावटी बन कर रह गए हैं। कई सतर्कता अधिकारी तो खुद दागी हैं, फिर भी चल रहे हैं। सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगने वाले को इतने चक्कर खिलाए जाते हैं कि अगला आवेदन लगाना भूल जाए। सूचनाओं के स्वैच्छिक प्रदर्शन को तो सरकारी अफसर अपनी तौहीन समझते हैं।


इंटरनेट को पारदर्शिता का सबसे अच्छा साधन माना जाता है, पर राजस्थान में वेबसाइटें ही अपडेट नहीं की जातीं। सरकारी खरीद के लिए ई-टेंडरिंग के विधेयक को भी भुला दिया गया क्योंकि इस बिल केआने से कमीशनखोरी के रास्ते बंद हो जाएंगे। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यदि भ्रष्टाचार के मामले बना भी ले तो मुकदमे चलाने की मंजूरी की फाइलें नोटों के वजन के नीचे दब जाती हैं। जितना बड़ा भ्रष्टाचारी अफसर होता है, सेवानिवृत्ति के बाद उसे उतने ही "एक्सटेंशन" दे दिए जाते हैं।

केन्द्र ने तो फिर भी कुछ भ्रष्ट मंत्रियों को सींखचों में डाला है, पर राजस्थान में जातिगत समीकरणों के आधार पर उन्हें खुले हाथ खेलने की छूट दी गई है। "भ्रष्टाचार" को राजस्थान में "शिष्टाचार" बनाने वालों को याद रखना चाहिए कि भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं में चल रही लहर जिस दिन राजस्थान पहुंचेगी, भ्रष्टाचार को छुपाने वालों को प्रायश्चित का मौका भी नहीं मिलेगा।

कर्मयोग क्या है ?


कर्मयोग से तात्पर्य -
“अनासक्त भाव से कर्म करना”। कर्म के सही स्वरूप का ज्ञान।
कर्मयोग दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘कर्म’ तथा ‘योग’ ।
कर्मयोग के सन्दर्भ ग्रन्थ – गीता, योगवाशिष्ठ एवं अन्य।

1. कर्मों का मनोदैहिक वर्गीकरण –
कर्म से तात्पर्य है कि वे समस्त मानसिक एवं शारीरिक क्रियाएँ । ये क्रियाएँ दो प्रकार की हो सकती है। ऐच्छिक एवं अनैच्छिक। अनैच्छिक क्रियायें वे क्रियाएं हैं जो कि स्वतः होती हैं जैसे छींकना, श्वास-प्रश्वास का चलना, हृदय का धड़कना आदि। इस प्रकार अनैच्छिक क्रियाओं के अन्तर्गत वे क्रियाएँ भी आती हैं जो कि जबरदस्ती या बलात् करवायी गयी हैं। ऐच्छिक क्रियाओं को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है –
वे क्रियाएँ या कर्म जो कि सोच-समझकर ज्ञानसहित अथवा विवेकपूर्वक किये गये हैं,
वे क्रियाएँ या कर्म जो कि भूलवशात् या अज्ञानवशात् अथवा दबाव में किये गये हों।
दोनों ही स्थितियों में किसी न किसी सीमा तक व्यक्ति इन क्रियायों के फल के लिये उत्तरदायी होता है।
कर्मयोग की व्याख्या में उपरोक्त क्रियाओं के विवेचन के अतिरिक्त कर्मों के अन्य वर्गीकरण को देखना भी आवश्यक होगा।

2. कर्म का प्रयोजन की दृष्टि से वर्गीकरण -
गीता में प्रयोजन का उद्देश्य की दृष्टि से कर्म का विशद् विवेचन किया गया है - इसके अन्तर्गत तीन प्रकार के विशिष्ट कर्मों की चर्चा की गयी है –
1. नित्य कर्म
2. नैमित्तिक कर्म
3. काम्य कर्म
नित्य कर्म - वे उत्तम परिशोधक कर्म हैं, जिन्हें प्रतिदिन किया जाना चाहिये। जैसे - शुद्धि कर्म, उपासना परक कर्म आदि।
नैमित्तिक कर्म - वे कर्म हैं, जिन्हें विशिष्टि निमित्त या पर्व को ध्यान में रखकर किया जाता है जैसे विशिष्ट यज्ञ कर्मादि – अश्वमेध यज्ञ, पूर्णमासी यज्ञ(व्रत) आदि।

काम्य कर्म - वे कर्म हैं जिन्हे कामना या इच्छा के वशीभूत होकर किया जाता है इस कामना में यह भाव भी समाहित रहता है कि कर्म का फल भी अनिवार्य रूप से मिले इसीलिये इन्हें काम्य कर्म कहा गया है। चूँकि इनमें फल की अभिलाषा जुड़ी हुयी है अतः यह कर्म ही कर्मफल के परिणाम सुख या दुःख (शुभ या अशुभ) से संयोग कराना वाला कहा गया है। इसीलिये काम्य कर्मों को बन्धन का कारण कहा गया है क्योंकि सुख अपने अनुभूति के द्वारा पुनः वैसे ही सुख की अनुभूति करने वाला कर्म की ओर ले जाता है, इसी प्रकार दुःख ऐसी विपरीत अनुभूति न हो इसके विरूद्ध कर्म कराने वाला बनाता है। इस प्रकार काम्य कर्म के अन्तर्गत किये गये कर्म अपने दोनों ही परिणामों (सुख तथा दुःख) के द्वारा बाँधते हैँ इसीलिये इन्हें बंधन का कारण कहा गया है। इसी काम्य कर्म के सुखद या दुःखद् परिणामों से निषेध के लिये भारतीय योग परम्परा में कर्मयोग की अवधारणा प्रस्तुत की गयी है। इस कर्मयोग को गीता में निष्काम कर्म एवं अनासक्त कर्म के नाम से भी प्रस्तुत किया गया है।

गीता में कर्मयोग
गीता में कर्मयोग स्रोत-ग्रन्थ - “गीता या कर्मयोग रहस्य”
“गीता या कर्मयोग रहस्य” नामक ग्रन्थ में बाल गंगाधर तिलक ने गीता का मूलमन्तव्य कर्मयोग ही बतलाया है। जो कि निष्काम कर्म ही है।
निष्काम से तात्पर्य – ‘कामना से रहित या वियुक्त’
निष्काम कर्म के सम्बन्ध में गीता का विश्लेषण निम्न मान्यताओं पर आधारित है –
कामना से वशीभूत कर्म करने पर फलांकाक्षा या फल की इच्छा होती है जो कि उनके सुखादुःख परिणामों से बाँधती है। और यह आगे भी पुनः उसी-उसी प्रकार के सुख-दुःख परिणामों को प्राप्त करने की इच्छा या संकल्प को उत्पन्न करती है। अर्थात् वैसे-वैसे ही कर्म में लगाकर रखती है। इन्हें ही संस्कार कहा गया है। ये संस्कार तब तक प्रभावी होते हैं, जब तक या तो फलों को भोग करने की क्षमता ही समाप्त हो जाये (अर्थात् मृत्यु या अक्षमता की स्थिति में) या फलों के भोग से इच्छा ही समाप्त हो जाये (तब अन्तोगत्वा कर्मों को करने की इच्छा ही समाप्त हो जायेगी और इस प्रकार काम्य कर्म ही नहीं होंगे तो फल से भी नहीं बँधेगे)।
उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि फलों के परिणाम से आसक्ति समाप्त होना उनमें भोग की इच्छा समाप्त होना ही सुख-दुःख के परिणाम या कर्म के बन्धन से छूटना है। इसीपरिप्रेक्ष्य में गीता अपने विश्लेषण से निष्काम कर्म या अनासक्त कर्म की अवधारणा को प्रस्तुत करती है।

गीता में कर्म की सविस्तार चर्चा की गयी है। एवं कर्म की गति गहन बतलायी गयी है – “गहना कर्मणो गति”। कृष्ण कहते हैं – कर्म को भी जानना चाहिये, अकर्म को भी जानना चाहिये, विकर्म को भी जानना चाहिये। इस प्रकार गीता में कर्म के जिन प्रकारों की चर्चा आयी है, वे हैं –
कर्म, अकर्म, विकर्म
आसक्त एवं अनासक्त कर्म
निष्काम कर्म
नित्य, नैमित्तिक एवं काम्य कर्म

निष्काम कर्म या अनासक्त कर्म
निष्काम कर्म या अनासक्त कर्म – निष्काम कर्म वस्तुतः यह बताता है कि किस प्रकार कर्म किया जाय कि उससे फल से अर्थात् कर्म के बन्धन से न बँधे। इसके लिये ही गीता में प्रसिद्ध श्लोक जो कि बारंबार उल्लेखित किया जाता है –
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भू मासङ्गोSस्त्वकर्मणि।।
अर्थात्, “तुम्हारा कर्म करने में ही अधिकार है, उसके फलों में नहीं है, तुम कर्मफले के कारण भी मत बनो तथा कर्मों को न करने (की भावना के साथ) साथ भी मत हो ”।
गीता का उपरोक्त श्लोक कर्मयोग के सिद्धान्त का आधारभूत श्लोक है तथा विभिन्न तत्त्वमीमांसीय आधार(सिद्धान्त) को भी अपने आप में समाहित करता है
1. गुणों का सिद्धान्त – गीता के अनुसार समस्त प्रकृति सत् रजस् तथा तमस् इन तीनों गुणों की निष्पत्ति है। इसलिये प्रकृति को त्रिगुणात्मक भी कहा गया है। इसी के अनुरूप मानव देह भी त्रिगुत्मक है। इसमें सतोगुण से ज्ञान वृद्धि सुख आनन्द प्रदायक अनुभूति तथा ऐसे ही कार्य करने की प्रेरणा होती है। तथा इन फलों से बाँधने वाले भी ये गुण हैं। इसी प्रकार क्रिया परक, कार्यों को करने की प्रवृत्ति रजो गुण के कारण होती है क्योंकि रजोगुण का स्वभाव ही क्रिया है। इनसे सुख-दुःख की मिश्रित अनुभूति होती है। इस प्रकार की अनुभूति को कराने वाले तथा इनको उत्पादित करने वाले कर्मों में लगाने वाला रजो गुण है। अज्ञान, आलस्य जड़ता अन्धकार आदि को उत्पन्न करने वाला तमोगुण कहा गया है। इससे दुःख की उत्पत्ति एवं अनुभूति होती है। इस प्रकार समस्त दुःखोत्पादक कर्म या ऐसे कर्म जो आरम्भ में सुखद तथा परिमाण में दुःखानुभव उत्पन्न कराने वाले तमोगुण ही हैं – या ऐसे कर्म/ फल तमोगुण से प्रेरित कहे गये हैं। इस प्रकार समस्त फलों के उत्पादककर्ता गुण ही हैं। अहंकार से विमूढ़ित होने पर स्वयं के कर्ता होने का बोध होता है। ऐसी गीता की मान्यता है।

2. अनासक्त तथा निस्त्रैगुण्यता - उपरोक्त विश्लेषण से तीनों ही गुणों के स्वरूप के विषय में यह कहा जा सकता है कि सुख एवं दुःख को उत्पन्न करना तो इन गुणों स्वभाव ही है, और मानव देह भी प्रकृति के इन तीन गुणों के संयोजन से ही निर्मित है, तब ऐसे में स्वयं को सुख-दुःख का उत्पादन कर्ता समझना भूल ही है। ये सुख-दुःख परिणाम या फल हैं, जिनका कारण प्रकृति है। अतः इनमें आसक्त होना (आसक्त-आ सकना गुणों की जगह) ठीक नहीं है। (मा कर्मफल हेतुर्भू – कर्मफल का कारण मत बनो)।
इसी सन्दर्भ में गीता में निस्त्रैगुण्य होने को भी कहा गया है। (निस्त्रैगुण्यो भवार्जुन)
पुनः क्या कर्म करना बन्द कर दिया जाय ? गीता ऐसा भी नही कहती। क्योंकि गीता की स्पष्ट मान्यता है कि कर्म प्रकृति जन्य तथा प्रकृति के गुणों से प्रेरित हैं। अतः जब तक प्रकृति का प्रभाव, पुरुष पर रहेगा (प्रकृति से पुरुष अपने आप को अलग नही समेझेगा) तब तक गुणों के अनुसार कर्म चलते रहेंगे। उनको टालना संभव नहीं है। ( इसी परिप्रेक्ष्य में गीता में कहा गया है - मा सङंगोsस्तुकर्मणि – अकर्म के साथ भी मत हो)। किन्तु जब ऐसा विवेक (अन्तर को जान सकने की बुद्धि, विभेदन कर सकने की क्षमता) उत्पन्न हो जाये या बोध हो जाये कि समस्त कर्म प्रकृति जन्य हैं, तब कर्मों से आसक्ति स्वंयमेव समाप्त हो जायेगी। ऐसी स्थिति में कर्म, काम्य कर्म नहीं होंगे। तब वे अनासक्त कर्म होंगे। यही आत्म बोध की भी स्थिति होगी क्योंकि आत्मस्वरूप जो कि प्रकृति के प्रभाव से पृथक है का बोध ही विवेक या कैवल्य है, मोक्ष है। इसे ही कर्म योग कहा गया है।

[1] प्रकृतैः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः। अहङ्कारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते।। - गीता 3 / 27
तत्त्ववित्तु महाबाहो गुणकर्मविभागयोः। गुणा गुणेषु वर्तन्त इति मत्वा न सज्जते।। - गीता 3 / 28
[2] केवल – अकेला, प्रकृति से अलग, आत्म यानि स्वंय, अन्य सभी विकारों से रहित ।
[3] “मुच्यते सर्वै दुःखैर्बंधनैर्यत्र मोक्षः” – जहाँ(जब) सभी दुःख एवं बंधन छूट जाये, वही मोक्ष है।

कर्म योग की उपमा
कर्म योग की उपमा विवेकानन्द दीपक से देते हैं। जिस प्रकार दीपक का जलना एवं या उसके द्वारा प्रकाश का कर्म होना उसमें तेल, बाती तथा मिट्टी के विशिष्ट आकार - इन सभी के विशिष्ट सामूहिक भूमिका के द्वारा संभव होता है। उसी प्रकार समस्त गुणों की सामूहिक भूमिका से कर्म उत्पन्न होते हैं।
फलों की सृष्टि भी गुणों का कर्म है न कि आत्म का । इसी का ज्ञान वस्तुतः कर्म के रहस्य का ज्ञान है, इसे ही आत्म ज्ञान भी कहा गया है। तात्पर्य यह भी है कि संस्कार वशात् उत्तम-अनुत्तम कर्म में स्वतः ही प्रवृत्ति होती है, तथा संस्कारों के शमन होने पर स्वंय ही कर्मों से निवृत्ति भी हो जाती है, ऐसा जानना विवेक ज्ञान भी कहा गया है। ऐसे ज्ञान होने पर ही अनासक्त भाव से कर्म होने लगते हैं, इन अनासक्त कर्मों को ही निष्काम कर्म कहा गया है। इस निष्काम कर्म के द्वारा पुनः कर्मों के परिणाम उत्पन्न नहीं होते। यही आत्म ज्ञान की स्थिति कही गयी है। इससे ही संयोग करने वाला मार्ग “कर्मयोग” कहा गया है। (क्योंकि यह कर्म के वास्तविक स्वरूप से योग करता है।)

उपसंहार
कर्मयोग की अवधारणा कर्म के सिद्धान्त के मूलमन्तव्यों को समाहित कर कर्मों के यथा-तथ्य विश्लेषण को प्रस्तुत करती है। यह पुरातन भारतीय सृष्टि रचना के गुण सिद्धान्त को भी अपने में अन्तर्निहित करता है। इस प्रकार कर्म योग का सिद्धान्त मनोदैहिक विश्लेषण के द्वारा व्यक्ति तथा अस्तित्व अध्यात्मपरक विवेचन को प्रस्तुत करता है।

Thursday, 15 September 2011

आतंकवाद के लिए अमेरिका भी गुनहगार


अमेरिका के वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर हुए विनाशकारी हमले को एक दशक बीत गया। हालांकि विश्व में आतंककारी घटनाएं लगभग रोज घट रहीं हैं, पर इतनी बर्बर, भयावह और अभूतपूर्व त्रासदी शायद अब तक कहीं देखी नहीं गई। हमारे मानस पटल पर यह ह्वदय विदारक वाकया इस कदर अंकित हो चुका है कि भुलाए नहीं भूलता और यह कहना गलत ना होगा कि जिस प्रकार इस घटना ने पिछले दशक में संसार के प्रजातांत्रिक ढांचे और आम जन-जीवन को प्रभावित किया है, उतना शायद हिरोशिमा या नागासाकी में गिरने वाले बम ने भी नहीं किया था।

ग्यारह सितम्बर 2001 के आतंककारी हमले के लिए हमेशा ही कट्टरपंथी गुटों को दोषी ठहराया जाता है, पर लोग भूल जाते हैं कि इस परिणिति के लिए बहुत हद तक अमेरिका का दमनकारी व्यवहार जिम्मेवार है जिसने विश्व में अस्थिरता फैलाई है। पिछले महायुद्ध के बाद, विश्व में उभरे तमाम तनावों और युद्धों के पीछे अमेरिका का ही हाथ रहा है। अरब-इजराइल, वियतनाम, कम्बोडिया, कोरिया, इराक-ईरान, भारत- पाकिस्तान के झगड़ों से लेकर अफगानिस्तान में तालिबान की स्थापना तक, सब के पीछे अमेरिकी साजिश उजागर हुई है। इराक में सामूहिक विनाश के हथियारों की झूठी बात कह कर अमेरिका ने कैसे सद्दाम हुसैन का तख्ता पलटा? ये सब जानते हैं, पर बहुत कम लोगों को ज्ञात होगा कि इंडोनेशिया में सुकार्नो, मिस्र में नासिर और क्यूबा में फिदेल कास्त्रो को मारने के भी षडयंत्र अमेरिका द्वारा रचे गए थे। यही नहीं, ईरान के प्रधानमंत्री को अपदस्थ कर जिस प्रकार अमेरिका ने दो दशक तक शाह का उपयोग कर ईरान के संसाधनों पर कब्जा जमा लिया, वो स्वार्थपूर्ति की निंदनीय मिसाल है। इसीलिए आज जब अमेरिका तालिबान व अल-कायदा को आतंकी बताता है तो हंसी आती है क्योंकि अफगानिस्तान में सोवियत रूस से लड़ाने के लिए, तालिबान और ओसामा बिन लादेन की स्थापना भी अमेरिका द्वारा ही की गई थी। पर इस सब के बावजूद, अगर उसे सत्य और मानवीय संवेदना का सर्वश्रेष्ठ गणतंत्र बताया जाता है तो सिर्फ इसलिए क्योंकि जन प्रचार-प्रसार की अपार ताकत अमेरिकी हाथों में कैद है।

2001 के बाद, सुरक्षा के नाम पर अमेरिकी रूख ने विश्व में भय का ऎसा साम्राज्य स्थापित कर दिया है कि अब इससे निजात पाना लगभग नामुमकिन सा लगता है। दस साल बाद, मानव जीवन पहले से ज्यादा असुरक्षित हो गया है। न्यूयॉर्क हमले में मारे गए लोगों के लिए आज विश्व भर में प्रार्थनाएं की जा रही हैं, पर क्या ये वक्त उन लाखों बेकसूरों के लिए भी आंसू बहाने का नहीं है जिन्हें अमेरिकी दमनकारी नीतियों द्वारा बेवजह कुचला गया? और क्या अब समय नहीं आ गया कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय तनाव का समाधान ढूंढे?
दीपक महान
वृतचित्र निर्देशक और लेखक

बोएं ईमानदारी का बीज...किरण बेदी

भ्रष्टाचार और हिंसा के जिस माहौल का हम आज सामना कर रहे हैं और पीडित हैं, उसका बीजारोपण तो आजादी के साथ ही हो गया था। मैं पिछले कुछ बरसों से देख रही हूं कि इस देश का प्रशासन दिन पर दिन गिरावट की ओर चला जा रहा है। इसकी वजह है- बढ़ता भ्रष्टाचार और भ्रष्ट आचरण। व्यवस्थित रूप से हमारी महान संस्थाओं का महत्व दिन प्रतिदिन घटता जा रहा है। इसमें राजनीतिक, ब्यूरोक्रेटिक, पुलिस, कॉरपोरेट या सेवाक्षेत्र का नेतृत्व शामिल है। केवल एक ही चीज का महत्व रह गया है, वह है खुद के लिए और परिवार के लिए सम्पदा एकत्रित करना। देश तो बाद में आता है। अनेक मामले तो ऎसे भी देखे गए हैं कि लोग विदेश का रूख कर लेते हैं क्योंकि उन्हें यहां अपने लिए कोई भविष्य नहीं दिखाई देता। सच्चाई यही है। इस तथ्य को चाहे कोई स्वीकार करे अथवा नहीं।

हमें कठिन संघर्षो के बाद आजादी मिली है। अनगिनत भारतीयों ने हमारे भविष्य के लिए अपना वर्तमान खो दिया। देश की बलिवेदी पर शहीद हो गए। हम अपने व्यक्तिगत स्वार्थ की खातिर हर कदम पर समझौता कर लेते हैं, बजाए इसके कि अपने देश के नैतिक चरित्र और प्रकृति को मजबूत करें। हालात इतने बदतर हो चुके हैं और होते जा रहे हैं कि सार्वजनिक जीवन से जुड़े ऎसे एक भी व्यक्ति को तलाश पाना मुश्किल हो रहा है कि जिस पर "हम जनता के लोग" सच्चे अर्थो में विश्वास कर सकें। इस गिरावट के लिए किसे जिम्मेदार माना जाए? माता-पिता/अध्यापक/आध्यात्मिक शिक्षा देने वाले धर्मगुरू/ राजनीतिक नेताओं /मीडिया को? हमारे ऊपर सर्वाधिक प्रभाव कौन डाल रहा है? मेरा व्यक्तिगत विचार यह है कि अधिकांश चीजों के लिए राजनीतिक नेतृत्व ही जिम्मेदार है। कुछ सम्मानजनक अपवादों को छोड़ दिया जाए तो यह वर्ग अधोगति या अवनति का कारण बना हुआ है। जैसे कि वे दिन-प्रतिदिन लोभी और लालची बनते जा रहे हैं। वे येन-केन-प्रकारेण सत्ता प्रतिष्ठान को अपने पास रखे रहते हैं। बिना यह विचार किए इसके दीर्घकालीन परिणाम क्या होंगे जो वे समाज में अपने पीछे छोड़कर जा रहे हैं?

इस पर गौर कीजिए, आजादी के बाद से उन्होंने पुलिस का किस तरह इस्तेमाल किया। उन्होंने पुलिस को अपने खुद के पैरों पर खड़ा नहीं होने दिया। वे पुलिस का अपने राजनीतिक एजेंडे के खातिर इस्तेमाल करते रहे। उन्होंने इसमें नेतृत्व को कभी नहीं बढ़ने दिया। कोई भी व्यक्ति, जो स्वतंत्र सोच वाला था, उसे पाश्र्व में रखा गया। मैं खुद अनेक दफा इससे पीडित हुई हूं। मेरे साथ नाइंसाफ हुआ है। जब दिल्ली के पुलिस आयुक्त पद के लिए मेरी वरिष्ठता की अनदेखी की गई तो इसकी वजह क्या थी? मूल कारण क्या थे? विशुद्ध रूप से ईष्र्या और असुरक्षा का खतरा...। क्या सिविल सोसाइटी इसके खिलाफ कुछ कर सकती है? और कर सकती है? लाखों लोगों की संख्या वाला पुलिस बल अपने भरोसे छोड़ दिया गया है। वे मुश्किल से और नाममात्र ही अपने नेता की प्रशंसा कर सकते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों तक उनकी पहुंच कभी-कभार ही हो पाती है। उनकी कोई सुनने वाला नहीं। उन्हें स्थानीय "ठगों" की दया पर छोड़ दिया गया है या उन पर जो सत्ता के केन्द्रों तक पहुंच का दावा करते हैं। क्या पुलिस बल को चलाने का यह तरीका है? पुलिस विभाग से जुड़े अधिकांश लोग अपने आवास का और अपने बच्चों के लिए स्कूल का प्रबंध खुद करते हैं। उन्हें आसानी से छुट्टी भी नहीं मिलती, जबकि उनकी सेवाएं हर बंदोबस्त या इंतजाम के लिए ली जाती हैं! चाहे वह वीआईपी सुरक्षा हो या जनसभाएं। ज्यादा अधिक नहीं। लोगों ने अब विद्रोह कर दिया है। लोग सड़क पर उतर आए हैं। वे खुले आम सड़कों पर आकर मिथ्या और बनावटी प्रशासन के खिलाफ बोलने लगे हैं। उनकी आवाज को बल मिला है और लोग संगठित होकर साथ-साथ आगे आए हैं। ऎसे लोगों को एक बार फिर अहिंसक रूप में मजबूती के साथ देखा गया। उनकी अहिंंसा देखने काबिल थी। इसके लिए अन्ना हजारे धन्यवाद के पात्र हैं।

इस देश के लोगों को गुणवत्ता, उत्कृष्टता, समेकता और अखंडता के पीछे चलना चाहिए। नागरिकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे निर्बाध और स्वतंत्र रूप से बोलें और खुले तरीके से विचार-विमर्श करें। उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र को विस्तृत करना चाहिए। उन्हें नेतृत्व के गुण बढ़ाने की अनुमति देनी चाहिए। उन्हें स्वतंत्र रूप से पुलिस की एकाउंटिबिलिटी बढ़ानी चाहिए। उन्हें ब्यूरोक्रेट्स पर काम करने का दबाव बनाना चाहिए। अधिकारियों को भी इस बात के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे अपनी टिप्पणियों में साफ-साफ लिखें कि जो वे सोचते हैं, वह सही है। लेकिन मंत्रियों के पास उनके प्रस्तावों को अस्वीकृत करने का अधिकार है। प्रशासन में जनता के विश्वास को फिर उत्पन्न करना चाहिए। यह सभी काम करने के लिए जरूरत है सत्यनिष्ठा की और ईमानदारी की। संसद ने भ्रष्टाचार निरोधक विधेयक को पूरा समर्थन दिया है। अब इस पर पक्के इरादे की जरूरत है। एक बार लोकपाल बिल अस्तित्व में आ गया तो कई घोटाले सामने आएंगे और राजनेता व ब्यूरोक्रेट्स समेत काफी लोग घबड़ा उठेंगे। आप प्रकृति के नियम को नहीं बदल सकते। एक फसल काटता है तो एक बोता है। इस देश ने हिंसा, भ्रष्टाचार, भेदभाव और ढोंग की फसल बोई है। अब अपने किए का फल भोग रहे हैं।

आज से ही ईमानदारी की फसल बोना शुरू कीजिए और विश्वास की फसल कटना शुरू हो जाएगी।
किरण बेदी
पूर्व आईपीएस अधिकारी

भारतवर्ष की पहचान है हिन्दी


हर साल राजभाषा दिवस पर पूरे देश में व्यापक स्तर पर हिन्दी की बात की जाती है। इसके बाद हम फिर एक साल तक कुछ नहीं करते। जैसे भाषा का भी एक पर्व हो, जिसे हमें मनाना है। इस अवसर पर राजनेता से लेकर अधिकारी सभी इस तरह की सकारात्मक बातें करते हैं मसलन संविधान में हिन्दी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है और कम से कम और कहीं नहीं तो केंद्रीय दफ्तरों में अंग्रेजी के साथ हर जगह हिन्दी लिखी जाती है। इससे सिद्ध होता रहता है कि संविधान का पालन हो रहा है और हिन्दी इस देश की राजभाष्ाा है।

जब हम किसी देश के अपने भूगोल में रहते हैं तो भाषा की एक संपर्क व्यवस्था के बीच रहना ही नहीं बल्कि व्यवहार भी करना होता है। भारत में शैक्षणिक और प्रशासनिक स्तर पर फिर से अंग्रेेजी के बढ़ते प्रभाव के बीच अब जनसंचार में लगने लगा है कि तेजी से अंग्रेजी आ रही है या कम से कम हिन्दी का प्रयोग अंग्रेजी को मिलाकर ही हो रहा है। इसे अब हिंगरेजी या हिंग्लिश कहा जाने लगा है। भाषा विज्ञान में यह कहा जाता है कि जब अविकसित भाषाएं विकसित भाषाओं के साथ मिलाकर बोली जाती हैं तो वे क्रियोल कहलाती हैं। इस अर्थ में हिन्दी क्रियोल भी नहीं है, क्योंकि ये अविकसित भाषा नहीं है। खड़ी बोली को अब हिन्दी कहा जाता है और हिन्दी में कभी अवधी और ब्रज को भाषाएं कहा गया था, वे अब बोलियां हो गई हैं। राजभाषा हिन्दी का अर्थ खड़ी बोली हिन्दी ही है। आज इसी हिन्दी में हिन्दी का सारा साहित्य लिखा जा रहा है।

शिक्षण माध्यम के रूप में हिन्दी ही नहीं अन्य भारतीय भाषाओं की जगह अब अंग्रेजी लेती जा रही है। विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक कार्य भी अंग्रेजी में हो रहा है। इसका कारण यह बताया जाता है कि अब भूमंडलीयकरण के कारण अंग्रेजी जरूरी हो गई है। दूसरा कारण यह बताया जाता है कम्प्यूटर के प्रयोग में रोमन, नागरी से अधिक सुविधाजनक है। वैसे अब बिल गेट्स का ध्यान नागरी कम्प्यूटर की ओर भी गया है। अच्छा होता कि यदि भारतीय भाष्ााओं की एक लिपि नागरी होती विश्व के स्तर पर इस व्यापक समानता के कारण इस लिपि के एक अरब से ज्यादा उपयोग करने वाले होते। हमारा देश स्वतंत्रता प्राप्ति के दो दशक बाद से ही केवल भाषा की राजनीति में जुट गया है। वोट बैंक की राजनीति के चलते हम किसी को नाखुश नहीं करना चाहते। सारा नजरिया इस बात का है कि कोई भी भाषा हो हमें क्या फर्क पड़ता है? इस उदासीनता के कारण ही संविधान में राजभाषा का दर्जा प्राप्त होते हुए भी शीर्षस्थ न्यायालयों में हिन्दी का प्रवेश नहीं हो पाया है। हिन्दी को राजनेताओं और नौकरशाहों से तो अधिक उम्मीद नहीं थी, पर हम जनसंचार माध्यमों से बड़ी उम्मीद रखते थे।

बॉलीवुड ने हिन्दी को विश्व परिदृश्य दिया था। जब हम विदेशी फिल्मों को हिन्दी में डब होते देखते थे तो बहुत अच्छी हिन्दी सुनने मिलती थी। यह परिदृश्य भी बड़ी तेजी से बदल रहा है। अब डबिंग में भी इतने अंगे्रजी शब्दों आ रहे हैं कि वे हिंग्लिश लगते हैं। हम तो यह भी नहीं कह सकते कि विश्व हिन्दी सम्मेलन एक उम्मीद जगाते हैं, क्योंकि केवल हिन्दी सम्मेलन आयोजित करने से हिन्दी विश्व भाषा नहीं बन सकती। जो लोक प्रक्रिया को समझते हैं वे यह मानते हैं कि जब तक सरकार के स्तर पर विश्व के कम से कम 96 देशों का समर्थन नहीं मिलता तब तक हिन्दी संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा नहीं बन सकती। स्वतंत्रता के पूर्व राजनेताओं ने यह अहसास किया था कि हिन्दी ही जनता की भाष्ाा है।

यह भारत के बहुसंख्यक समाज द्वारा बोली जाती है और इससे भी अधिक लोग इसे समझते हैं। इस बात की खुशी है कि हिन्दी भले ही राजभाषा न बन पा रही हो पर उसका जनभाष्ाा का रूप फैलता जा रहा है। इसी तरह बिना संयुक्त राष्ट्र की मान्यता के भी हिन्दी अंतरराष्ट्रीय भाषा है। विदेशों में भी हिन्दी बोलने और समझने वालों की बहुतायत है। इस तरह भारत की पहचान हिन्दी से है।

परमात्मा का चांद

रवीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा है कि जब वे गीतांजलि लिख रहे थे, तो पkा नदी पर एक बजरे में निवास करते थे। रात गीत की धुन में खोए—कोई गीत उतर रहा था, उतरे चला जा रहा था—वे एक टिमटिमाती मोमबत्ती को जलाकर बजरे में और देर तक गीत की कडियों को लिखते रहे। कोई आधी रात फूंक मारकर मोमबत्ती बुझाई, हैरान हो गए। पूरे चांद की रात थी, यह भूल ही गए थे। यद्यपि वे जो लिख रहे थे वह पूरे चांद का ही गीत था। जैसे ही मोमबत्ती बुझी कि बजरे की उस छोटी सी कोठरी में सब तरफ से चांद की किरणें भीतर आ गई। वह छोटी सी मोमबत्ती की रोशनी चांद की किरणों को बाहर रोके हुए थी। रवीन्द्रनाथ उस रात नाचे। उन्होंने अपनी डायरी में लिखा कि आज एक अपूर्व अनुभव हुआ। कहीं ऎसा ही तो नहीं है कि जब तक यह अहंकार का दीया भीतर जलता रहता है, परमात्मा का चांद भीतर नहीं आ पाता। यही बुद्ध ने कहा है कि अहंकार के दीए को फूंक मारकर बुझा दो। दीए के बुझाने का ही नाम निर्वाण है।

तो एक तो जीवन को जीने का ढंग है, जैसा तुम जी रहे हो। एक बुद्धों का ढंग भी है। चुनाव तुम्हारे हाथ में है। तुम बुद्धों की भांति भी जी सकते हो—जैसा तुम जी रहे हो—कोई तुम्हें जबर्दस्ती जिला नहीं रहा। तुमने ही न मालूम किस बेहोशी और नासमझी में इस तरह की जीवन-शैली को चुन लिया है। सब बनाया तुम्हारा ही खेल है। ये सब जो घर तुमने बना लिए हैं अपने चारों तरफ, जिनमें तुम खुद भी कैद हो गए हो।
-ओशो

संकल्प शक्ति

विजय अभियान पर मिले नेपोलियन बोनापोर्ट ने एक वृद्धा से पूछा— "यह जो सामने पहाड़ खड़ा है, क्या नाम है इसका?"

"यह दुर्जेय आलप्स पर्वत है?" वृद्धा ने उत्तर दिया। "मैं अपनी सेना के साथ इसे पार करना चाहता हूं।" नेपोलियन ने कहा।

"सपना भी मत देख। मेरी उम्र इस समय अस्सी वर्ष की है। आज तक मैंने ऎसे एक भी व्यक्ति को नहीं देखा जो इसे पार कर आगे गया हो। जिसने भी इसे पार करने का दुस्साहस किया, जान गंवा बैठा।"

"मैं इसे पार करूंगा।" "यह तुम्हारी नादानी होगी। अच्छा है, वापस लौट जाओ।"
"वापस मैं नहीं लौटूंगा। तुम्हारे सामने ही मैं चढ़ाई शुरू कर रहा हूं। मैं इस पहाड़ को जल्दी ही रौंद दूंगा।" कहकर नेपोलियन ने अपने कदम आगे बढ़ा दिए और उसी के साथ सेना ने भी कूच कर दिया। नेपोलियन ने तमाम कठिनाइयां झेलकर भी अपने अदम्य संकल्प बल से आलप्स को पार कर लिया। उसकी यह साहसपूर्ण कोशिश आज भी इतिहास में अंकित है। जिस व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का संकल्प बल मजबूत है, उसे आगे बढ़ने और विजयश्री का वरण करने से कोई रोक नहीं सकता। संकल्पशक्ति सो गई तो समझें जीवन की इतिश्री हो गई। संकल्पशक्ति से ही पैदा होती है अस्वीकार की शक्ति, त्याग की शक्ति, हेय का त्याग और श्रेय का ग्रहण। अस्वीकार की शक्ति नहीं है तो जीवन बुराइयों का घर बनता चला जाएगा।
—आचार्य महाप्रज्ञ

गुरूजी के पैर

एक गुरू के दो शिष्य थे। गर्मी की दोपहर थी, गुरू विश्राम कर रहे थे और दोनों उसकी सेवा कर रहे थे। गुरू ने करवट बदली—तो दोनों शिष्यों ने आधा-आधा गुरू को बांट रखा था सेवा के लिए, बायां पैर एक ने ले रखा था, दायां पैर एक ने ले रखा था—गुरू ने करवट बदली, तो बायां पैर दाएं पैर पर पड़ गया। स्वभावत: झंझट खड़ा हो गया।

गुरू तो एक है। शिष्य दो थे। तो जब दाएं पैर पर बायां पैर पड़ा, तो जिसका दायां पैर था उसने कहा, हटा ले अपने बाएं पैर को। मेरे पैर पर पैर! सीमा होती है सहने की। बहुत हो चुका, हटा ले। तो उस दूसरे ने कहा, देखूं किसकी हिम्मत है कि मेरे पैर को और कोई हटा दे। सिर कट जाएंगे, मगर मेरा पैर जहां रख गया रख गया। यह कोई साधारण पैर नहीं, अंगद का पैर है। भारी झगड़ा हो गया, दोनों लट लेकर आ गए।

यह उपद्रव सुनकर गुरू की नींद खुल गई, उसने देखी यह दशा—लट चलने वाले थे गुरू पर! क्योंकि जिसका दायां पैर था वह बाएं पैर को तोड़ डालने को तत्पर हो गया था। और जिसका बायां पैर था वह दाएं पैर को तोड़ डालने को तत्पर हो गया था। गुरू ने कहा, जरा रूको, तुम मुझे मार ही डालोगे। ये दोनों पैर मेरे हैं। तुमने विभाजन कैसे किया?

अज्ञानी भूल ही जाता है कि जो उसने बांटा है वे एक ही व्यक्ति के पैर हैं या एक ही वृक्ष की शाखाएं हैं। अज्ञानी लड़े। एक-दूसरे को नष्ट करने की चेष्टा की। जब सम्प्रदाय अज्ञानी के हाथ में पड़ता है, तब खतरा शुरू होता है। - ओशो

अंतरजातीय विवाह की उलझन

हमारा देश आज एक ऎसे मार्ग पर चल पड़ा है जिसकी परिणति दु:ख के सिवाय कुछ और नहीं है। हर व्यक्ति उस मार्ग पर चलकर गौरवान्वित महसूस करता है। उसके पास कोई विकल्प भी नहीं है। हमारे सामने तथ्य हैं, सारे आंकड़े हैं, दर्शन है, अनुभव हैं, किन्तु हमारा अहंकार या लाचारी हमें इनमें से किसी को स्वीकारने नहीं देती। समाज और परिवारों में अनावश्यक तनाव, वैमनस्य बढ़ता जा रहा है। यह नया रोग है अन्तरजातीय विवाह। इसको विकासवादी दृष्टिकोण की पैदाइश माना तो जाता है, किन्तु जीना उनके बीच पड़ता है, जिनके दिलो-दिमाग पर विकास पहुंचा ही नहीं है। प्रेम का रिश्ता कितनी सहजता से कट्टरता की भेंट चढ़ जाता है, यह दृश्य देखकर कितने लोग खुश हो सकते हैं, यह भी मानव समाज की त्रासदी ही है। क्योंकि भारत में यह पीड़ा या मुसीबतों का पहाड़ मूल रूप में तो कन्या पक्ष के सिर टूटता है। पिछले सप्ताह कर्नाटक के धर्मस्थल गया था। एक ब्राह्मण लड़के की शादी अन्य जाति की कन्या से इसलिए की गई कि ब्राह्मण जाति में उपयुक्त कन्या नहीं मिली। एक साल के बाद लड़के ने लड़की को छोड़ दिया। वह लड़की न्याय की तलाश में आध्यात्मिक चेतना के साथ सामाजिक जनजागरण में जुटे वीरेन्द्र हेगड़े के पास आई थी।

आज शिक्षा की आवश्यकता और भूत ने इस समस्या में "आग में घी" का काम किया है। भौतिकवाद, विकासवाद, स्वतंत्र पहचान, समानता की भ्रमित अवधारणा आदि ने व्यक्ति को शरीर के धरातल पर भी लाकर खड़ा कर दिया और अपने जीवन के फैसले मां-बाप से छीनकर अपने हाथ में लेने शुरू कर दिए। अधिकांशत: माता-पिता उसके मार्गदर्शक बनते नहीं जान पड़ते। चूंकि शिक्षा नौकरी के अतिरिक्त अधिक विकल्प नहीं देती, अत: परिवार का विघटन अनिवार्य हो गया। दादा-दादी बिछुड़ गए। नई बहुएं सास-ससुर से भी मुक्त रहना चाहती हैं, तो बच्चों को संस्कार देने से भी। स्कूल, होम वर्क के सिवाय बच्चों के लिए उसके पास न समय है, न ही वह ज्ञान जिससे बच्चों का व्यक्तित्व निर्माण होता है। शिक्षा ने उसके मन को भी समानता के भाव के नाम पर यहां तक प्रभावित कर दिया कि वह "मेरे घर में लड़के-लड़की में कोई भेद नहीं है" का आलाप तार स्वर में गाती है। इससे कोई अधिक क्रूर मां धरती पर कौन होगी जो अपनी बेटी को स्त्री युक्त, मातृत्व, गर्भस्थ अवस्था आदि की भी जानकारी नहीं देती, क्योंकि बेटे को भी नहीं देती। बेटी को अंधेरे में धक्का देकर गौरवान्वित होती है। बेटे को तो पूरी उम्र मां-बाप की छत्रछाया में रहना है। मां बनना नहीं है। नए घर में जीना नहीं है।

इस जीवन-शिक्षा के अभाव में न जाने कितने संकट हो रहे हैं। बच्चों को यथार्थ का ज्ञान नहीं होता और मित्र मण्डली के प्रवाह में जीना सीख जाते हैं। उच्च शिक्षा की भी अवधारणा हमारे यहां नकारात्मक है। बच्चों का शिक्षा के साथ उतना जुड़ाव भी नहीं होता, जितना विदेशों में दिखाई देता है। हां, शिक्षा के नाम पर अधिकांश बच्चों को उन्मुक्त वातावरण रास आता है। फिर कुदरत की चाल। उम्र के साथ आवश्यकताएं भी बदलती हैं। भूख लगी है और भोजन भी उपलब्ध है, तब व्यक्ति कितना धैर्य रख सकता है? मां-बाप बच्चों को भूखा रखते हैं। संस्कारों का सहारा नहीं देते। उधर टीवी, इंटरनेट इनको दोनों हाथों से शरीर सुख परोसने में लगे हैं। मन और आत्मा का तो धरातल ही भूल गए। शुद्ध पशुभाव रह गया। आहार-निद्रा-भय-मैथुन। और कुछ बचा ही नहीं जीवन में।

भारत में कुछ सीमा तक जो संस्कृत समाज हैं, उनको छोड़ दें। शेष अपने जीवन में इस पशुभाव पर नियंत्रण नहीं कर पाते। आज तो स्कूल में ही बच्चे 17-18 साल के हो जाते हैं। कक्षाओं से गायब रहते हैं। तब एक मोड़ जीवन में ऎसा आता है कि नियंत्रण भी छूट जाता है और विकल्प भी खो जाते हैं। ये परिस्थितियां ही इस अन्तरजातीय विवाह की जननी बनती हैं।

अन्तरजातीय विवाह में यूं तो खराब कुछ नहीं दिखाई देता। जिसको दिखाई देगा वह दुनिया का सबसे बड़ा मूर्ख है। जब लड़का-लड़की दोनों राजी हैं, तब किसी को अच्छा-बुरा क्यों लगना चाहिए? लेकिन जो कुछ नजारा अगले कुछ महीनों में सामने आता है, उसे देखकर मानवता पथरा जाती है। सारा समाज बीच में कूद पड़ता है। अनेक बाध्यताएं, जिनमें धर्म परिवर्तन तक की भी हैं, अपने मुखौटे दिखा-दिखाकर चिढ़ाती हैं। कट्टरता, संकीर्णता और निर्दयता से सारा वातावरण कम्पित हो जाता है। लड़की के मां-बाप की स्थिति बयान करना सहज नहीं है। लड़की भी हजार गलतियां करने के बाद भारतीय है। मन में कुछ लज्जा का भाव होता है। जब किसी सभ्य परिवार की लड़की असभ्य परिवार से जुड़ जाती है, तब तो तांडव ही कुछ और होता है। किसी असभ्य परिवार की लड़की सभ्य और समृद्ध परिवार में चली जाती है, तब एक अलग तरह के अहंकार की टकराहट शुरू हो जाती है। जिन जातियों में नाता होता है, वहां मन कोई मन्दिर नहीं रह जाता। लड़की के दो-तीन तलाक हो जाएं तो लाखों का किराया वसूल लेते हैं मां-बाप। ऊपर से कानून एकदम अंधा। परिस्थितियों की मार से दबे मां-बाप के लिए कानून भी भयावह जान पड़ता है।

आज न्यायालयों में विवाह विच्छेद के बढ़ते आंकड़े इस देश के सामाजिक तथा पारिवारिक भविष्य को रेखांकित करते हैं। जीवन विषाक्त होता दिखाई पड़ रहा है। पश्चिम में सम्प्रदायों तथा जातियों की इस प्रकार की वैभिन्नता भी नहीं है और है तो भी ऎसी कट्टरता दिखाई नहीं देती। वहां पैदा होने वाले व्यक्ति को जीवन में दो-तीन शादी कर लेना मान्य है। हम अभी अर्घविकसित हैं। विकास का ढोंग करते हैं। भीतर बदले नहीं हैं। परम्पराओं और मान्यताओं की जकड़ से मुक्त भी नहीं हैं। फिर भी हम विकसित समाजों के पीछे दिखना भी नहीं चाहते। विदेशों में उच्च शिक्षा का कारण सुख प्राप्ति है। स्वतंत्रता भी है और स्वावलम्बन भी। भारत में लड़कियों को उच्च शिक्षा सुख प्राप्ति के लिए नहीं दी जाती, बल्कि इसलिए दी जाती है कि खराब समय (वैधव्य या विवाह विच्छेद) की स्थिति में पराश्रित न रहे। नकारात्मक चिन्तन ही आधार होता है। तब समझौते का प्रश्न किसी के मन में उठता ही नहीं है। हम जब तक इस लायक हों कि यथार्थ को स्पष्ट समझ पाएं, हमारे यहां कुछ विकासशील कुण्ठाएं संस्कृति विरोधी कानून भी पास करवा लेती हैं। एक कहावत है कि हम अपने दुख से उतने दुखी नहीं हैं, जितने कि पड़ोसी के सुख से।

मात्र कानून बना देना विकास नहीं है। अभी मन्दिर-मस्जिद के झगड़ों से हम बाहर नहीं आए। आरक्षण ने जातियों के नाम पर अनेक विरोध के स्वर खड़े कर दिए। जब हमारी सन्तान हमारे साथ किसी जाति के विरोध में लड़ती है, हिंसक हो जाती है, तब क्या वह लड़का विरोधी जाति की लड़की का पत्नी रूप में सम्मान कर सकेगा। अथवा ऎसा होने पर जातियों के बीच नए संघर्ष के बीज बोये जाएंगे? क्या समाज का यह दायित्व नहीं है कि यदि किसी सम्प्रदाय को वह स्वीकार नहीं करता, तो अपने बच्चों को भी शिक्षित करे? क्या विरोधी समाज की लड़की का अपमान करके अपनी बहू के प्रति उत्तरदायित्व के बोध का सही परिचय दे रहे हैं? क्या यह पूरे समाज का अपमान नहीं है? आज जीवन एक दौड़ में पड़ गया है। एक होड़ में चल रहा है। स्पर्धा ने मूल्यों को समेट दिया है। नकल का एक दौर ऎसा चला है कि व्यक्ति की आंख खुद के जीवन के बजाए दूसरे पर टिकी होती है, जिसकी वह नकल करना चाहता है। जैसे कि शिक्षित लड़कियां भी लड़कों की नकल करना चाहती हैं। अत: लड़कियों के गुण ग्रहण ही नहीं करतीं। लड़का बन नहीं सकतीं। अत: यह आदमी की हवस का पहला शिकार होती हैं। भले ही इस कारण ऊंचे पदों तक पहुंच भी जाए, किन्तु सुख न इनको मिलता, न ही इनके माता-पिता को। बस, विकास की धारा में बहते रहते हैं।

प्रश्न यह है कि यदि हम विकसित हो रहे हैं, शिक्षित हो रहे हैं, तो इसका लाभ स्त्री को क्यों नहीं मिल रहा। शिक्षित व्यक्ति निपट स्वार्थी भी होता जा रहा है और उसे नुकसान करना भी अधिक आता है। अनपढ़ औरतें कन्या भ्रूण हत्या के लिए बदनाम इसलिए हो गई कि उनको गर्भस्थ शिशु के लिंग की जानकारी उपलब्ध नहीं थी। आंकड़े साक्षी हैं कि ऎसी हत्याओं में शिक्षित महिलाएं अधिक लिप्त हैं और चर्चा भी नहीं होती। ये हत्याएं इस बात का प्रमाण तो हैं ही कि नारी आज भी स्वयं को लाचार और अत्याचारग्रस्त मानती है। अपनी कन्या को इस पुरूष के हवाले नहीं करना चाहती। पुरूष वर्ग का इससे अधिक अपमान हो भी क्या सकता है। अब अन्तरजातीय विवाह ने इस नासूर को नया रूप ही दिया है। लड़का अधिकांश मामलों में मां-बाप के साथ होकर लड़की को अकेला छोड़ देता है। तब उसके लिए मायके लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता। इसके लिए भी उसे अदालतों के और वकीलों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। यह आत्म-हत्याओं को बढ़ावा देने वाला मार्ग तैयार हो रहा है। यह भी सच है कि व्यक्ति अपना किया ही भोगता है।

समाज हर युग में एक-सा रहा है। शिक्षा बाहरी परिवेश है भीतर की आत्मा की शिक्षा, उसका जागरण, परिष्कार आदि जब तक जीवन में नहीं जुड़ेंगे, संस्कारवान मानव समाज का निर्माण संभव नहीं है।
गुलाब कोठारी
पत्रिका समूह के प्रधान सम्पादक

must read this yadi aap corruption rokna chahte hain...

agar aap corruption rokna chahte hai to phle ek chhote star pe rokiye, bhai, behn, beta, beti,dost,colleague, senior, junior,teacher, student, heads of groups etc...par sbse pehle khud me jhaak k dekhiye k aap kitne corrupt hai?
1.kitne jhoot bole hai apne jeevan me?
2.kitni bar kisi garib ki madad ki? (paise dene se hi madad nhi hoti.....kya use do waqt ka khana khilaya?)
3.student hai to kitni sachai se aapne padhai ki?
4.guru hai to kitni baar shishya ki poori madad ki?
5. maa baap hai to kyu bache ko sikhaya k ye kisi se na bolna, ghar me falana aye to bol dena mummy nhi hai ya papa k liye phone aye to kehna wo bahr gye hue hai, aaj school me bahana maar do etc.
6.dost hai to kyu dost ko sikhate ho jaane do yar bahana mar dena, kya jarurt hai bhala karne ki.. yeh kyu nhi kehte k ek koshish kamse kam ker k dekho..
7. working hai to boss ya colleagues ko nicha dikhane ki koshish, unke khilaaf shadiyantra rachne ki koshish kyu krte hai..?
8.aksar hum kehte hai jo satta me hai wo bhrastachaar ker raha hai, par jo chhota admi h satta me nahi hai wo kon se bhrastachaar ko karne se rok raha hai ya khud nahi kar raha hai...!

isiliye meri sabi se yahi anurodh hai k jeevan me ek baar hum sab apni taraf dhyan dekar apne andar k bhrashtachari ko khatam karne ki koshish karen to umeed hogi k bharat se bhrashtachar khatam ho jayega kuch saalo me!

dhanyawaad.. VANDE MATARAM!

जम्मू और कश्मीर विधानसभा की अवधि ६ साल और अन्य राज्यों की ५ साल क्यों ?

  1. केरल में विधायक, संसद और मंत्री अल्लाह,यीशु के नाम से सपथ लेते है | अगर हिंदू राम या कृष्ण के नाम से ले तो संबिधान के खिलाफ है ?
  2. अरबी भाषा को प्रमोट करने के लिए सरकार पैसे खर्च कर रही है | लेकिन संस्कृत पर क्यों नही ? क्या अरबी भाषा, संस्कृत के तुलना में अधिक राष्ट्रीय है ?
  3. IMTD Act क़ानूनी अधिकार से असम में बंगलादेशियो को भारत में बसने और नागरिक बनने का अधिकार देता है | तो जम्मू और कश्मीर में शेष भारतीय को बसने का अशिकर क्यों नही ? यह दोगली निति क्या है ?
  4. जम्मू और कश्मीर कि जनसंख्या लगभग एक करोड है जिन्हें २४००० करोड रुपये कि सहायता दी गयी है | यानी कि पर हेड २४००० रुपये | जबकि शेष राज्यों को इनसे ५% कम कि सहायता दी जाती है |क्या यह राष्ट्र विरोशियो के लिए इनाम नही है ?
  5. यदि पेंटिंग करना गैर- इस्लामिक है तो मुसलमानों ने एम् एफ हुसैन के खिलाफ कितने फतवे जारी किये गए थे ? क्या वो गैर- इस्लामिक कार्य नही किया था ?
  6. यदि इस्लाम में गायन, संगीत और नृत्य गैर- इस्लामिक है ( क्योकि इस्लाम एक गंभीर धर्म है ) तो बहुत “खान” फिल्म में अभिनय करते है | इनके खिलाफ फतवा क्यों नही जारी किया गया ?
  7. क्या आप को लगता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश रहेगा यदि मुसलमानों का बहुमत हो जाय तो ?
  8. हॉउस आफ कामंस, आस्ट्रेलिया संसद और ह्वाईट हॉउस आदि में जब दीपावली और जन्माष्टमी मनाया जाता है तो भारत के संसद में क्यों नही मनाया जाता है ? क्या हम संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया कि तुलना में अधिक धर्मनिरपेक्ष है ?
  9. यदि सांप्रदायिक दंगे भारत में आर एस एस, विहिप, बजरंग दल आदि के कारन होता है तो “ पाकिस्तान, तुर्की, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, चेचन्या, चीन, रूस, ब्रिटेन, स्पेन, साईप्रस आदि में किसकी अजह से दंगे होते है ?” जब कि वहाँ पर आर एस एस / विहिप नही है |
  10. एक पूर्व राष्ट्रपति, दो पूर्व प्रधानमंत्रियों, साधुओ,और संतो द्वारा कांची के संकराचार्य कि गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया है | लेकिन मिडिया का कहना है कि “वहाँ बिलकुल कोई विरोध नही हुआ है”| क्या आप को लगता है कि केवल हिन्=हिंसा ही लोगो की [पीड़ा मापने का पैमाना है ?
  11. क्या आप को विश्वास है कि इस्लाम और ईसाईयत को सर्वधर्म समभाव में विश्वास है ? यदि हाँ, तो धर्म रूपांतरण में विश्वास क्यों करते है ?
  12. ईश्वर अल्लाह तेरे नाम – आप मुझे एक मुसलमान दिखाए जो इससे सहमत हो ?
  13. क्या आप को नही लगता है कि “ सेक्युलर मुस्लिम एक मिथ्या नाम है ? एक व्यक्ति या तो सेक्युलर या मुसलमान हो सकता है, दोनों नही ? एक मुस्लिम ( जो केवल अल्लाह में विश्वास करता है) धर्म-निरपेक्ष(कई परमेश्वर में विश्वास) नही हो सकता है |
  14. क्या आप जानते है कि “ तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मौलाना वहीदुद्दीन, जब भारतीय सैनिक कारगिल में लड़ रहे थे तो, उनसे सैनिको के लिए प्रार्थना करने को कहा गया तो इंकार कर दिया ? क्योकि भारतीय सैनिक मुसलमानों से लड़ रहे थे ?” ( बाद में सोनिया और प्रियंका ने उसके अंतिम संस्कार में भाग ली थी )
  15. संयुक्त राष्ट्र चार्टर का कहना है कि “ अल्पसंख्यक का मतलब पूरी आबादी का अधिक से अधिक १०% होता है | मुसलमान, जो लगाभाग १८% से ऊपर है को एक अल्पसंख्यक कैसे कहा जा सकता है ?
  16. क्या आप को विश्वास है कि “कम्युनिस्टों को भारत से प्यार है ?”, जब कि वे स्वीकार करने से मना करते है कि १९६२ में चीन भारत पर हमलावर था ?
  17. ये कैसे होता है कि “ एक मुस्लिम परिवार मुख्य रूप से हिंदू इलाके में शांति से रहता है, जबकि एक मुस्लिम बस्ती में एक हिंदू परिवार ऐसा करने में सक्षम नही है ?
  18. मुस्लिम बहुत क्षेत्रो में ईसाई मिशिनारिज क्यों नही सामाजिक सेवाए शुरू कराती है ? क्योकि वहाँ निवेश पर पर्याप्त फल नहीं मिलेगा |
  19. क्या आप जानते है कि “ भारत एक मात्र देश है जो खुले तौर पर बंगलादेश के घुसपैठियों को आमंत्रित किया है | बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सरकारों ने तत्काल उन्हें रासन कार्ड उपलब्ध कराके मतदाता बना दिया |”
  20. दंगे शुक्रवार की नमाज के बाद ही ज्यादातर हुए है ( जैसे मरद, केरल) | क्या यह इमामों के ज्वलंत उपदेशो की वजह से नही है ?
  21. सभी हिंदू बहुल क्षेत्र शांतिपूर्ण है, लेकिन सभी हिंदू अल्पसंख्यक क्षेत्र समस्याग्रस्त है – जम्मू और कश्मीर, उत्तर – पूर्वी भारत आदि | क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते है कि ऐसा क्यों ?
  22. एक विधायक, सी. पी. शाजी ने केरल विधानसभा में कहा कि “ वो हाथ काट दिया जायेगा, जो शरियत के एक अक्षर को छुयेगा” | क्या आप इससे सहमत है ?
  23. क्या आप जानते है कि “भारत में अवैध रूप से आये मुस्लिम अप्रवाशी २५ लोकसभा और १२० विधानसभा सीटों के चुनाव में एक निर्णायक कारक बन गए है ? और वे एक विशेष पार्टी के लिए एकजुट हो के मतदान करते है – कंग्रस, राजद, सपा, एमएल, या साम्यवादी |”
  24. एक पाकिस्तानी भारतीय हो सकता है ? जब वह जम्मू और कश्मीर के किसी एक लडकी से शादी कर ले, लेकिन इसके विपरीत जब वही लड़की भारत के किसी भी हिस्से के एक हिंदू से शादी करे तो वह जम्मू और कश्मीर की नागरिक नहीं हो सकते है, जम्मू और कश्मीर कि नागरिकाता खो देती है ? यह किस तरह का कानून है ?
  25. अयोध्या मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने विश्व हिंदू परिषद पूछताछ की लेकिन बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी या आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड से सवाल नही की? क्या यह सुप्रीम कोर्ट का दुहरा मापदंड नही है ?
  26. जब आप नरेन्द्र मोदी जैसे लोगो से तुच्छ आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा मांग रहे है तो आप क्यों नही जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री से इस्तीफा माँगते है ? जहां पर हजारों सैनिक आतंकवादियों द्वारा मार दिए गए है और तो और ४ लाख हिन्दुओ का सफाया कर दिया गया है |
  27. जम्मू और कश्मीर का पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला एक ईसाई से शादी किया और वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एक हिंदू लडकी से शादी करके आनंदित थे, लेकिन जब उसकी बेटी एक हिंदू लड़के से शादी कर ली तो उसका परित्याग कर दिया गया | क्या यही धर्मनिरपेक्षता का पहचान है ?
  28. कानून के अनुसार “ मानव अंगों को किसी भी पार्टी के चुनाव चिन्ह के रूप में नही लिया जा सकता है” तो कैसे कांग्रेस पार्टी को ‘हाथ’ का प्रतिक आवंटित किया गया है ? यह कानून के खिलाफ नही है ?
  29. दिल्ली इमाम सैयद बुखारी के घोषणा थी कि तालिबान सभी मुसलमानों के लिए आदर्श है और ओसामा बिन लादेन नायक ? क्या आप इस धर्मनिरपेक्षता पर विचार करेंगे ?
  30. जम्मू और कश्मीर के संसदीय चुनाव के लिए २ लाख हिंदू वयस्क मतदाता है | लेकिन विधानसभा के लिए नही ? क्यों ?
  31. जम्मू और कश्मीर विधानसभा की अवधि ६ साल और अन्य राज्यों की ५ साल क्यों ?
  32. बंगलादेश में हिंदू लड़किया पीटी जाती है, उनके साथ गैंग रैप किया जाता है | प्रतिदिन मंदिरों को जलने या नष्ट करने कि खबरे पढैते होंगे | क्या हमारे धर्मनिरपेक्षतावादी और मानवाधिकारी कार्यकर्ताओ को इनके लिए आवाज़ नही उठानी चाहिए ? क्या सिर्फ मुसलमानों के लिए ही मानवाधिकार है ?
  33. क्या आप जानते है कि “ इस्लाम राष्ट्रवाद और राष्ट्रिय सीमाओ में विश्वास नही करता है | यह पूरी दुनिया को इस्लाम के तहत दारुल हरब से दारुल इस्लाम तक लाना चाहते है ?”
  34. क्यों मुस्लिम मस्जिद और मदरसे में जाते है न कि स्कूल और कालेज में ? क्या मदरसा भी वैज्ञानिक और इंजिनियर तैयार करता है ? ( सेक्युलर नेताओ द्वारा मुसलमानों को अलग से आरक्षण के लिए अपना सर पिटने के सन्दर्भ में )
  35. मुहर्रम जुलूस हिंदू बाहुल्य क्षेत्रो से लाया जारहा है लेकिन हिंदू धार्मिक जुलूस मुस्लिम इलाको से अनुमति नही है क्यों ? क्या यह सम्रदायिक बटवारे को स्थायी नही करता है ?
  36. क्या आपको लगता है कि नेहरू परिवार ही एक परिवार है जो आजादी के लिए लड़े या अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ke भी थे? जैसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, मदनलाल धींगरा ,वन्शिनाथान, चापेकर ब्रदर्स, वीर सावरकर, राज गुरु, सुभाष चंद्र बोस, उधम सिंह आदि |
  37. मल्लापुरम ( केरल) में , एक डाक्टर ने पाया कि मुस्लिम महिलाओ कि तीन पीढियां बेटी-१३, माँ-२६ और दादी – ३९ सभी गर्भवती है तथा प्रसव के लिए भारती कराया | क्या आप को भी लगता है कि मुसलमानों के लिए परिवार नियोजन अनावश्यक है ?
  38. रामायण के लेखक ऋषि वाल्मीकि एक डाकू थे, उसी तरह महाभारत के लेखक वेड व्यास एक मछुवारे थे | दोनों महाकाव्यो और लेखक हिन्दुओ द्वारा प्रतिष्ठित है | क्या अब भी लगता है कि हिंदू धर्म जातिवाद का समर्थन करता है ?
  39. २००२ में कर्नाटक सरकार मंदिरों द्वारा प्राप्त ७२ करोड रुपयों में से ५० करोड मदरसों को, १० करोड चर्च को, १० करोड मंदिरों को दिया गया | मदरसो (आतंकवादी कारखाना ) और चर्चो के विकास के लिए हिन्दुओ का पैसा क्या देना चाहिए ?
  40. जब अफगानिस्तान में तालिबान, बुद्ध प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया, तो टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि यह बाबरी मस्जिदके विध्वंस की प्रतिक्रिया में था. क्या आप टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा के इस औचित्य से सहमत? जैसे को तैसा के लिए ठीक है? तो फिर तुम क्यों गोधरा कांड की प्रतिक्रिया में गुजरात दंगों की आलोचना करते हो ?
  41. पांडिचेरी में एक मुस्लिम को दफनाने से इनकार कर दिया गया था क्योंकि वह प्रभु मुरुगा के लिए एक मंदिर का निर्माण किया था क्या आप को भी लगता है कि "धर्म एक दूसरे से नफरत नहीं सिखाते हैं"?
  42. १९८९ में कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में राजीव गाँधी ने घोषणा की कि “ अगर मिजोरम में कांग्रेस सत्ता में आई तो यहाँ बाईबल के अधर पर शिक्षाए दी जायेगी (?)” यदि यह सांप्रदायिक नही है तो क्या है ?
  43. वर्ल्ड मुस्लिम अल्पसंख्य समुदाय के अध्यक्ष, कुवैत के शेख अल सईद युसूफ सयेद हासिम रिफाई को केरल में बिना वीजा के आने कि अनुमति दी गयी थी और उन्हें गिर्गिराफ्तर नही किया गया बल्कि केरल सर्कार के सरकारी दामाद की तरह खातिरदारी कि गयी और लेजाने लाने के लिए सरकारी कार कि व्यवस्था कि गयी थी | क्या यह राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाला कार्य है ?
  44. यदि ब्रिटेन और अमेरिका( एक धर्म निरपेक्ष देश) में एक से अधिक महिला से शादी करने कि अनुमति नही है तो क्या भारत में एक से अधिक औरतो से शादी करने कि अनुमति देनी चाहिए ?
  45. पोप को भारत कि यात्रा को आमंत्रित किया गया था लेकिन नेपाल के राजा महेंद्र को नागपुर में १९६५ में मकरसंक्रांति समारोह में भाग लेने के लिए अनुमति नही दी गयी थी | क्या यही धर्म निरपेक्षता है ?
  46. अशोक और कनिष्क अफगानिस्तान पर शासन किया. कंधारी जो की दुर्योधन की माँ, कंधार से आया है ( अब अफगानिस्तान में )| क्या आप मानते हैं कि अफगानिस्तान एकबार भारत का अभिन्न हिस्सा था?
  47. त्रिपुरा में बैप्टिस्ट चर्च को न्यूजीलैंड से 60 साल पहले मिशनरियों द्वारा स्थापित किया गया था | क्या आपको लगता है कि चर्च राष्ट्रवाद को बढ़ावा देंगे?
  48. पाकिस्तान में छात्रों को शुरू से ही सिखाया जाता है कि हिंदु हमारे दुश्मन हैं, हिंदू से मित्रता कभी नहीं किया जा सकता है काफिरो (हिंदुओं) को मार देना चाहिए. क्या आप को अब भी लगता है कि दोस्ती पाकिस्तान के साथ संभव है?
  49. पाकिस्तान इस्लामी देश है,बायीं-पास सर्जरी या कैंसर के इलाज के लिए भारत आते है | पाकिस्तान कैसा एक देश है जिसके पास परमाणु विकशित करने की क्षमता है लेकिन एक अच्छे अस्पताल कि नही ?इसका मतलब है कि पाकिस्तानी सिर्फ ट्रिगर से खुश है विकास और स्वास्थ्य सीवाओ की कीमत पर |
  50. कम्युनिस्ट नेता स्टालिन की बेटी, स्वेतलाना, दिनेश सिंह के भाई से शादी करने के लिए और भारत में बसने की कामना की | हमारे साम्यवादियों और इंदिरा गांधी ने इस का विरोध किया | वे अब कैसे एक इतालवी महिला का समर्थन करे ?
  51. जब योगा संयुक्त राज्य अमेरिका में एक करोड़ों डॉलर का उद्योग है, हमारी सरकार क्यों अंधी बन गयी है इस तकनीक मानवविकास के लिए ? क्या इसलिए कि यह हिंदू संस्कृति का एक हिस्सा है ?
  52. पूजा में 'संकल्प' "भारत वर्षे , भारत कंडे......... के साथ शुरू होता है ...". ये क्या हैं? क्या आप को अभी भी लगता है कि अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद अलग कर रहे हैं ? ये राष्ट्र की दो आंखें है?
  53. अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद भारत में अविभाज्य हैं.क्या आपको नहीं लगता कि अध्यात्मवाद के बिना भारत बिना आत्मा के एक शरीर की तरह हो जाएगा?
  54. हिंदू धर्म में आप को सुधारको कि संख्या बहुत मिल जायेगी | अन्य धर्मो में क्यों नही पाई जाती है ? क्या इन्हें सुधारने कि जरुरत नही है कि सुधारे हुए है ?

बाबा राम देव से क्यों डरती है कांग्रेस.....

दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है स्वामी रामदेव जी से ही कांग्रेस क्यों परेशां है और डरती है, जानिए कारन:---
१-स्वामी रामदेव जी के तर्क के आगे कांग्रेस के तथाकथित प्रवक्ता ५ मिनट भी नहीं टिकेंगे.
२- स्वामी जी के पास कांग्रेस का वास्तविक इतिहास का साक्ष्य है और कांग्रेस के कारनामो का काला चिटठा है,अभी भी लोग सुभाष चन्द्र बोस के बारे में सच्चाई जानना चाहते है. अपने महान देश के वास्तविक इतिहास को जानना हर भारत वासी का हक़ है जिसके साक्ष्य ब्रिटिश लाइब्रेरी में अभी भी रखे गए है और हमारे शहीदों के परिजन उसे नहीं जानते है.
३- अभी तो बात आएगी मंच पर बहस की, जिसकी की आगे के किसी भी चुनाव में जोर देकर मांग की जायेगी, तब ये अज्ञानी प्रवक्ता मंच पर जनता को क्या जवाब देंगे, कांग्रेस के झूठे और काले इतिहास को कैसे सही ठहराएंगे.
४-मंच पर ये बहस नहीं होगी की क्या विकास किया, बहस होगी की राहुल, सोनिया, चिदंबरम, पवार, मनमोहन, विलासराव देशमुख, अहमद पटेल, प्रणव मुखर्जी जैसे लोंगो के भी काले धन के खाते है क्या? कालाधन और भ्रष्टाचार के साथ ही तबाही वाली महगाई बहुत बड़े मुद्दे होंगे.
५- काले धन का इतिहास क्या है, पहले कपिल सिब्बल ने कहा कोई भी नुकसान २ जी घोटाले में नहीं हुआ है, फिर अहलुवालिया ने कहा की हा वास्तव में कोई घोटाला नहीं हुआ है, फिर मनमोहन ने कहा इसकी जाँच चल रही है, विपक्ष को टालते रहे, राजा जैसा आदमी जिसके पास अपनी मोबाइल को टाप अप करने का पैसा नहीं हो, यदि वह अपनी पत्नी क्र नाम ३००० करोड़ रुपया मारीशाश में जमा कर दे, क्या यह सब बिना सोनिया की जानकारी के कर सकता है, उस पार्टी में जहा पर बिना सोनिया के पूंचे कोई वक्तव्य तथाकथित प्रवक्ता नहीं दे सकते है, फिर आया महा घोटाला देवास-इसरो डील का जिसमे की २०५००० करोड़ की बैंड को मात्र १२०० करोड़ के १० साल के उधार के पैसे में दे दिया गया, भला हो सुब्रमनियम स्वामी जी का जिन्हें इन चोरो को नंगा कर दिया, हमारी कांग्रेसी और विदेशी मिडिया सुब्रमनियम स्वामी की तस्वीर हमेशा से गलत पेश किया है जब की वास्तव में भारत देश को ऐसे ही इमानदार और राष्ट्रभक्त नेताओ की जरुरत है जिसने कभी भी चोरी के बारे में सोचा ही नहीं, फिर आया कामनवेल्थ खेल का ९०००० करोड़ का घोटाला, फिर कोयला का घोटाला जिसमे कोयला मात्र १०० रुपये में १००० किलो बेचा जाता है और उसे बाजार में १० रुपये किलो तक बेच जाता है, यह रकम अब तक २६ लाख करोड़ होती है, कोयला घोटाला सीधे मनमोहन सिंह के जिम्मेदारी में हुई है. सरकार को पलट देने वाली पेट्रोलिं घोटाला तो अभी चर्चा में भी नहीं आया है.
६-इटली ८ बैंक और स्वीटजरलैंड के ४ बैंको को २००५ में भारत में क्यों खोला गया है और इसमे किसका पैसा जमा होता है , ये बैंक किसको लोन देते है और इनका ब्याज क्या है, इनकी जरुरत क्यों आ पड़ी भारत में जब की भारत के ही बैनकरो की बैंक खोलने की अरजिया सरकार के पास धुल खा रही है, इन बैंको को चोरी छुपे क्यों खोला गया है, इन बैंको आवश्यकता क्यों है जब भारत में ८०% लोग सिर्फ २० रूपया प्रतिदिन कमाते है, इटली के बैंक वहा के माफिया चलाते है, इसका जबाब मंच पर टी वी के सामने माँगा जायेगा,
७-भारत के किसानो की कमी से कमीशन लेने वाले चोर कत्रोची के बेटे को अंदमान दीप समूह में तेल की खुदाई का ठेका क्यों दिया गया २००५ में, किसने दिया ठेका, किसके कहने पर दिया ठेका, क्या वहा पर पहले से ही तेल के कुऊ का पता लगाकर वह स्थान इसे दे दिया गया जैसे की बहुत बार खबरों में अन्य संदर्भो में आती है, यह खबर क्यों छुपाई गयी अब तक, इसे देश को क्यों नहीं बताया गया, मिडिया क्यों इसे छुपा गई, और विपक्ष ने इसे मुद्दा क्यों नहीं बनाया.
८- सरकार ने पहले कहा की बाबा बकवास कर रहे है, काला धन नाम की कोई चीज नहीं है,जब की पूरा कालाधन करीब ५०० लाख करोड़ से जयादा है. अब स्विस सरकार ने खा की सिर्फ ११००० करोड़ ही भाटियो का है जब की अकेले हसन अली ने १००००० करोड़ ३ मुख्यमंत्रियों का जमा किया था. ६००० करोड़ अकेले रजा का और ४००० करोड़ मधु कोड़ा का है.
९-फिर खबर आयी की काला धन है और सबसे ज्यादा भारतीयों का है, यह स्विस बैंको के आलावा ७० और दुसरे देसों में जमा है,
१०- सरकार ने कहा की टैक्स चोरी का मामला है, हम उन देशो से समझौते कर रहे है, जिससे की दोहरा कर न देना पड़े,
११- अरे उल्लू के पठ्ठों , यह टैक्स चोरी नहीं भारत देशको लूट डालने का मामला है जिसकी सजा किसान से पूंछो तो सिर्फ मौत देना चाहता है वह भी सब कुछ वसूल लेने के बाद, यह बात हमारी सुप्रीम कोर्ट पहले कहकर एस आई टी गठित कर चुकी है.
१२- फिर बात आई की यदि ये डकैत और लुटेरे इसमे से १५% टैक्स सरकार को दे तो इसे भारत के बैंको में जमा करने दिया जायेगा और किसी को यह हक़ नहीं होगा की वह पूछे की या इतना पैसा कैसे कमाया या लूटा. सरकार इस पर एक कानून ला रही है, क्यों, किसको बचाया जा रहा है, जिसने भी यह गद्दारी की है उसे तो भीड़ ही मार डालेगी, इन्ही लोगो की वजह से भारत में इतनी महागायी है की लोग शादी खर्च से बचने के लिए बेटियों की जान ले ले रहे है, किसान आत्महत्या कर रहा ई, गरीब दवा नहीं करा रहा है, बच्चे स्कुल नहीं जा रहे है, इन्हें तो किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जा सकता है, ये यूरिया घोटाला करते है और यूरिया किसान को दुगुने दाम बचा जाता है, फिर गेहू सस्ते में खरीदा जाता है, और अब तो घोटाला ११५% हो जायेगा, ११५ चुराओ, १५ सरकार को देकर १०० रखा लो, इनको पैदा करने वाली माँ को थू थू.
१३- भारत के साथ जितने समझौते विदेशो से हुए है, उनका मतलब जनता को बता कर मंच पर पूंछा जायेगा अमेरिका जैसा,
१४-हमारे देश में क्यों अनुसन्धान के लिए पर्याप्त पैसा नहीं दिया जाता है, यह कीसकी चाल है, जिसकी वजह से हम ५-१० गुना दाम में विदेशी चीजे खरीदते है,
१५-ऐसे कौन से कारन है जिनके कारन हम नेहरू के द्वारा ट्रांसफर अफ पॉवर अग्रीमेंट १४ अगस्त १९४७ को दस्तखत करने के बाद भी आज तक विक्सित देश नहीं बन पाए, जब की हमारी जनता हफ्ते में ९० घंटा कम कराती है और कामचोर अंग्रेज सिर्फ ३० घंटा काम करते है,
१६-क्या कारन है की हमारे ४७ रुपये में १ डालर और ९० रुपये में १ पौंड मिलाता है, जब की १९४७ में १ रुपये में १ डालर मिलाता था.
१७- हम किसके कहने पर अरब देशो से और इरान से अभी तक अच्छा रिश्ता नहीं रख पाए,
१८-क्या कारन है की हमारे देश में एक भी सोलर ऊर्जा वैज्ञानिक नहीं है और दुनिया भर के परमाणु वैज्ञानिक है जो हमें हमेशा झूठा अश्वाव्हन देते है की यह परमाणु बिजली सस्ती और निरापद है भारत की परमाणु से सम्बंधित कुल बाजार ७५० लाख करोड़ का होगा. जब की हम भारत में ४००००० मेगावाट सोलर बिजली बना सकते है, गाव का काम सोलर से ही हो जायेगा.
१९-हम अभी तक सुरक्षित अन्ना भण्डारण की व्यवस्था क्यों नहीं बना पाए जब की हमारे पास धन की कमी ही नहीं है, क्योकि अन्न को सडा दिखाकर उसे कौड़ियो के भाव शराब माफिया को बचा जाता है जब की गरीब अन्ना बिना मर रहा है, इसके लिए तो कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार होगा, उसकी सजा क्या है,
२०- सरकार लोगो की इ-मेल आई दी क्यों ब्लाक कर रही है और नेट से सामग्री क्यों हटवा रही है,
२१-जब वोटिंग मशीन से घपला किया ज़ा सकता है तो क्यों न इसे हटा दिया जाय और पर्ची वाली वोटिंग लाई जाये.
२२- मीडिया को निष्पक्ष बनाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है, सभी भारतीयों को पता चल गया है की मिडिया , टीवी और पत्रिकाए सरकार को बिक चुकी है, बड़े शर्म की बात है, शाम को सिर्फ ४ रोटी खाने के लिए भारत माता से गद्दारी क्यों, मिडिया वालो रात में सोकर सोचो, नहीं सो पाओगे, क्या तुम्हारी जननी तुमसे यही आशा करती है.
२३- सरकार जबरदस्ती जमीं अधिग्रहण क्यों कर रही है जब की कानून स्वयं केंद्र सर्कार बनाती है.
स्वामी जी की टीम निरक्षरों की नहीं बल्कि बहुत पढ़ी लिखी, ज्ञानी, दानी, समर्पित, इमानदार और राष्ट्रप्रेमी टीम है, इसमे ज्यादातर इंजिनियर और आई टी , सेना आदि के लोग जुड़े है, सबको उचित समय पर स्वामी रामदेवजी के आदेश का इंतजार है और उन्ही के मार्ग दर्शन में भारत स्वाभिमान अभियान को गति देने की जरुरत है भारत माता इसी का बेसब्री से इंतजार कर रही है.
जय भारत

हिन्दी की विशेषताएँ एवं शक्ति



हिंदी भाषा के उज्ज्वल स्वरूप का भान कराने के लिए यह आवश्यक है कि उसकी गुणवत्ता, क्षमता, शिल्प-कौशल और सौंदर्य का सही-सही आकलन किया जाए। यदि ऐसा किया जा सके तो सहज ही सब की समझ में यह आ जाएगा कि -

१. संसार की उन्नत भाषाओं में हिंदी सबसे अधिक व्यवस्थित भाषा है,

२. वह सबसे अधिक सरल भाषा है,

३. वह सबसे अधिक लचीली भाषा है,

४, वह एक मात्र ऐसी भाषा है जिसके अधिकतर नियम अपवादविहीन हैं तथा

५. वह सच्चे अर्थों में विश्व भाषा बनने की पूर्ण अधिकारी है।

६. हिन्दी लिखने के लिये प्रयुक्त देवनागरी लिपि अत्यन्त वैज्ञानिक है।

७. हिन्दी को संस्कृत शब्दसंपदा एवं नवीन शब्दरचनासामर्थ्य विरासत में मिली है। वह देशी भाषाओं एवं अपनी बोलियों आदि से शब्द लेने में संकोच नहीं करती। अंग्रेजी के मूल शब्द लगभग १०,००० हैं, जबकि हिन्दी के मूल शब्दों की संख्या ढाई लाख से भी अधिक है।

८. हिन्दी बोलने एवं समझने वाली जनता पचास करोड़ से भी अधिक है।

९. हिन्दी का साहित्य सभी दृष्टियों से समृद्ध है।

१०. हिन्दी आम जनता से जुड़ी भाषा है तथा आम जनता हिन्दी से जुड़ी हुई है। हिन्दी कभी राजाश्रय की मुहताज नहीं रही।

११. भारत के स्वतंत्रता-संग्राम की वाहिका और वर्तमान में देशप्रेम का अमूर्त-वाहन

१२. भारत की सम्पर्क भाषा

१३. भारत की राजभाषा
 हिन्दी के विकास की अन्य विशेषताएँ

हिन्दी पत्रकारिता का आरम्भ भारत के उन क्षेत्रों से हुआ जो हिन्दी-भाषी नहीं थे/हैं (कोलकाता, लाहौर आदि।

हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने का आन्दोलन अहिन्दी भाषियों ( महात्मा गांधी, दयानन्द सरस्वती आदि) ने आरम्भ किया।

हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है।

हिन्दी के विकास में राजाश्रय का कोई स्थान नहीं है; इसके विपरीत, हिन्दी का सबसे तेज विकास उस दौर में हुआ जब हिन्दी अंग्रेजी-शासन का मुखर विरोध कर रही थी। जब-जब हिन्दी पर दबाव पड़ा, वह अधिक शक्तिशाली होकर उभरी है।

जब बंगाल, उड़ीसा, गुजरात तथा महाराष्ट्र में उनकी अपनी भाषाएँ राजकाज तथा न्यायालयों की भाषा बन चुकी थी उस समय भी संयुक्त प्रान्त (वर्तमान उत्तर प्रदेश) की भाषा हिन्दुस्तानी थी (और उर्दू को ही हिन्दुस्तानी माना जाता था जो फारसी लिपि में लिखी जाती थी)।

१९वीं शताब्दी तक उत्तर प्रदेश की राजभाषा के रूप में हिन्दी का कोई स्थान नहीं था। परन्तु २० वीं सदी के मध्यकाल तक वह भारत की राष्ट्रभाषा बन गई।

हिन्दी के विकास में पहले साधु-संत एवं धार्मिक नेताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उसके बाद हिन्दी पत्रकारिता एवं स्वतंत्रता संग्राम से बहुत मदद मिली; फिर बंबइया फिल्मों से सहायता मिली और अब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (टीवी) के कारण हिन्दी समझने-बोलने वालों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है।
 

The Misuse of Power by Nehru-Gandhi Family

The Misuse of Power by Nehru-Gandhi Family
Ohhh God save this country. Looks like other than these 3 (Nehru-Indira-Rajiv) no one contributed to India.
The following are some of the Government Schemes and Projects that have been named after the Nehru-Gandhi family.
Central Government Schemes :
1. Rajiv Gandhi Grameen Vidyutikaran Yojana, Ministry of Power – A scheme “Rajiv Gandhi Grameen Vidyutikaran Yojana” for Rural Electricity Infrastructure and Household Electrification was ...launched for the attainment of the National Common Minimum Programme of providing access to electricity to all Rural Household by 2009. Rural Electrification Corporation (REC) is the nodal agency for the scheme. Rajiv Gandhi Grameen Vidyutikaran Yojana to be continued during the Eleventh Plan period with a capital subsidy of Rs. 28000 Crore; allocation of Rs 5500 crore for FY09.
2. Rajiv Gandhi National Drinking Water Mission (RGNDWM), Ministry of Rural Development, Annual allocation plan 2007-08 was Rs.6,400 crore and Annual allocation plan 2008-09 is Rs.7,300 crore.
3. Rajiv Gandhi National Crèche Scheme for the Children of Working Mothers, Department of Women & Child Development, Ministry of HRD, New Delhi,
Budgetary allocation 2008-09 – 91.88 crore.
Budgetary allocation 2009-10 – 91.52 crore
4. Rajiv Gandhi Udyami Mitra Yojana for benefit of NE entrepreneurs, Ministry of Micro, Small & Medium Enterprises, Government of India,
Budgetary allocation 2008-9 – Rs. 2.70 crore
Budgetary allocation 2009-10 – Rs.1.12 crore
5. Indira Awas Yojana, Ministry of Rural Areas and Environment – IAY is a CSS funded on cost-sharing basis between the Centre and the States in the ratio of 75:25. In the case of UTs, the entire funds are provided by Centre. The target groups for housing under IAY are households below poverty line living in rural areas, particularly those belonging to SC/ST and freed bonded labourers.
Budgetary allocation 2008-09 – Rs. 7919.00 crores
Budgetary allocation 2009-10 – Rs.7914.70 crores
6. Indira Gandhi National Old Age Pension Scheme – objective to provide social security to workers in the unorganized sector in a phased manner. Budgetary allocation in 2008-09 is Rs. 3,443 crore
7. Jawaharlal Nehru Urban Renewal Mission, Ministry of Urban Development,
Govt. of India – 7 years time frame, 50,000 cr.
Budgetary allocation for 2008 – 9 – 10447.98 crore
Budgetary allocation for 2009-10 – 10713.84 crore
8. Jawaharlal Nehru Rojgar Yojna – Ministry of Labour and Employment – A Self- employment programme for urban poor
9. Rajiv Gandhi Shramik Kalyan Yojna, Employees’ State Insurance Corporation
10. Indira Gandhi Canal Project, Funded by World Bank
11. Rajiv Gandhi Shilpi Swasthya Bima Yojana, Union Ministry of Textiles, in association with ICICI Lombard General Insurance Company Limited
12. Indira Vikas Patra
State Government Schemes:
1. Rajiv Gandhi Rehabilitation Package for Tsunami Affected Areas, Govt. of Tamil Nadu, Budgetary Allocation Rs.2347.19 crores
2. Rajiv Gandhi Social Security Scheme for poor people, Department of Revenue and Disaster... Management, Govt. of Puducherry
3. Rajiv Ratna Awas Yojna – Congress party president and United Progressive Alliance (UPA) Chairperson Sonia Gandhi had announced that the Centre would give a package of Rs.1,500-crore for providing housing facilities to the poorer sections in Delhi, thus announcing the scheme.
4. Rajiv Gandhi Prathamik Shiksha Mission , Raigarh
5. Rajiv Gandhi Shiksha Mission, Madhya Pradesh
6. Rajiv Gandhi Mission on Food Security , Madhya Pradesh
7. Rajiv Gandhi Mission on Community Health, Madhya Pradesh
8. Rajiv Gandhi Rural Housing Corporation Limited is a Government Company established by the Government of Karnataka to cater to the housing needs of the Economically and Socially weaker sections of the society. Registered in April 2000, its authorised Capital is Rs.10 crores with Rs.3 crore paid up.
9. Rajiv Gandhi Tourism Development Mission, Rajasthan
10. Rajiv Gandhi Computer Literacy Programme, Assam
11. Rajiv Gandhi Swavlamban Rojgar Yojana, Govt. of NCT of Delhi
12. Rajiv Gandhi Mobile Aids Counseling and Testing Services, Rajiv Gandhi Foundation
13. Rajiv Gandhi Vidyarthi Suraksha Yojana, Maharashtra
14. Rajiv Gandhi Mission for Water Shed Management, M.P.
15. Rajiv Gandhi Food Security Mission for Tribal Areas, MP
16. Rajiv Gandhi Home for Handicapped, Pondicherry
17. Rajiv Gandhi Breakfast Scheme, Pondicherry
18. Rajiv Gandhi Akshay Urja Divas, Punjab
19. Rajiv Gandhi Artisans Health and Life Insurance Scheme, Tamil Nadu
20. Rajiv Gandhi Zopadpatti and Nivara Prakalpa, Mumbai
21. Rajiv Arogya Sri programme , Gujrat State Govt. Scheme
22. Rajiv Gandhi Abhyudaya Yojana, AP
23. Rajiv Gandhi Computer Saksharta Mission, Jabalpur
24. Rajiv Gandhi Bridges and Roads Infrastructure Development Programme for the construction of new roads and bridges and strengthening of the existing ones in the state of Haryana
25. Rajiv Gandhi Gramin Niwara Prakalp, Maharashtra Govt.
26. Indira Gandhi Utkrishtha Chhattervritti Yojna for Post Plus Two Students, Himachal Pradesh Government Scheme, Sponsored by, Central Government
27. Indira Gandhi Women Protection Scheme, Maharashtra Govt.
28. Indira Gandhi Prathisthan, Housing and Urban Planning Department, UP Govt
29. Indira Kranthi Patham Scheme, Andhra Pradesh
30. Indira Gandhi Nahar Pariyojana, State Govt. Scheme
31. Indira Gandhi Vruddha Bhumiheen Shetmajoor Anudan Yojana, Govt. of Maharashtra
32. Indira Gandhi Nahar Project (IGNP), Jaisalmer, Govt. of Rajasthan
33. Indira Gandhi Niradhar Yojna, Govt. of Maharashtra
34. Indira Gandhi kuppam, State Govt. Welfare Scheme for Tsunami effected fishermen
35. Indira Gandhi Drinking Water Scheme-2006, Haryana Govt.
36. Indira Gandhi Niradhar Old, Landless, Destitute women farm labour Scheme,
Maharashtra Govt.
37. Indira Gandhi Women Protection Scheme , Maharashtra Govt.
38. Indira Gaon Ganga Yojana, Chattisgarh
39. Indira Sahara Yojana , Chattisgarh
40. Indira Soochna Shakti Yojana, Chattisgarh
41. Indira Gandhi Balika Suraksha Yojana , HP
42. Indira Gandhi Garibi Hatao Yojana (DPIP), MP
43. Indira Gandhi super thermal power project , Haryana Govt.
44. Indira Gandhi Water Project, Haryana Govt.
45. Indira Gandhi Sagar Project , Bhandara District Gosikhurd Maharashtra
46. Indira Jeevitha Bima Pathakam, AP Govt
47. Indira Gandhi Priyadarshani Vivah Shagun Yojana, Haryana Govt.
48. Indira Mahila Yojana Scheme, Meghalaya Govt
49. Indira Gandhi Calf Rearing Scheme, Chhattisgarh Govt.
50. Indira Gandhi Priyadarshini Vivah Shagun Yojana, Haryana Govt.
51. Indira Gandhi Calf Rearing Scheme, The government of Andhra Pradesh helped most of the respondent families in acquiring female calves through this scheme.
52. Indira Gandhi Landless Agriculture Labour scheme, Maharashtra Govt.See More
Sports/Tournaments/Trophies :
1. Rajiv Gandhi Gold Cup Kabaddi Tournament
2. Rajiv Gandhi Sadbhavana Run
3. Rajiv Gandhi Federation Cup boxing championship
4. Rajiv Gandhi International tournament (football)
...5. NSCI – Rajiv Gandhi road races, New Delhi
6. Rajiv Gandhi Boat Race, Kerala
7. Rajiv Gandhi International Artistic Gymnastic Tournament
8. Rajiv Gandhi Kabbadi Meet
9. Rajiv Gandhi Memorial Roller Skating Championship
10. Rajiv Gandhi memorial marathon race, New Delhi
11. Rajiv Gandhi International Judo Championship, Chandigarh
12. Rajeev Gandhi Memorial Trophy for the Best College, Calicut
13. Rajiv Gandhi Rural Cricket Tournament, Initiated by Rahul Gandhi in Amethi
14. Rajiv Gandhi Gold Cup (U-21), football
15. Rajiv Gandhi Trophy (football)
16. Rajiv Gandhi Award for Outstanding Sportspersons
17. All Indira Rajiv Gandhi Basketball (Girls) Tournament, organized by Delhi State
18. All India Rajiv Gandhi Wrestling Gold Cup, organized by Delhi State
19. Rajiv Gandhi Memorial Jhopadpatti Football Tournament, Rajura
20. Rajiv Gandhi International Invitation Gold Cup Football Tournament, Jamshedpur
21. Rajiv Gandhi Mini Olympics, Mumbai
22. Rajiv Gandhi Beachball Kabaddi Federation
23. Rajiv Gandhi Memorial Trophy Prerana Foundation
24. International Indira Gandhi Gold Cup Tournament
25. Indira Gandhi International Hockey Tournament
26. Indira Gandhi Boat Race
27. Jawaharlal Nehru International Gold Cup Football Tournament.
28. Jawaharlal Nehru Hockey TournamentSee More
Stadium :
1. Indira Gandhi Sports Complex, Delhi
2. Indira Gandhi Indoor Stadium, New Delhi
3. Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi
4. Rajiv Gandhi Sports Stadium, Bawana
...5. Rajiv Gandhi National Football Academy, Haryana
6. Rajiv Gandhi AC Stadium, Vishakhapatnam
7. Rajiv Gandhi Indoor Stadium, Pondicherry
8. Rajiv Gandhi Stadium, Nahariagun, Itanagar
9. Rajiv Gandhi Badminton Indoor Stadium, Cochin
10. Rajiv Gandhi Indoor Stadium, Kadavanthra,Ernakulam
11. Rajiv Gandhi Sports Complex , Singhu
12. Rajib Gandhi Memorial Sports Complex, Guwahati
13. Rajiv Gandhi International Stadium, Hyderabad
14. Rajiv Gandhi Indoor Stadium, Cochin
15. Indira Gandhi Stadium, Vijayawada, Andhra Pradesh
16. Indira Gandhi Stadium, Una, Himachal Pradesh
17. Indira Priyadarshini Stadium, Vishakhapatnam
18. Indira Gandhi Stadium, Deogarh, Rajasthan
19. Gandhi Stadium, Bolangir, Orissa
Airports/ Ports :
1. Rajiv Gandhi International Airport, New Hyderabad, A.P.
2. Rajiv Gandhi Container Terminal, Cochin
3. Indira Gandhi International Airport, New Delhi
4. Indira Gandhi Dock, Mumbai
...5. Jawaharlal Nehru Nava Sheva Port Trust, Mumbai
Total budgetary plan outlay 2008-9 - 69.92crore
Total budgetary plan outlay 2009-10 – 324 crore
Universities/Education Institutes:
1. Rajiv Gandhi Indian Institute of Management, Shilong
2. Rajiv Gandhi Institute of Aeronautics, Ranchi, Jharkhand
3. Rajiv Gandhi Technical University, Gandhi Nagar, Bhopal, M.P.
4. Rajiv Gandhi School of Intellectual Property Law, Kharagpur, Kolkata
5. Rajiv Gandhi Aviation Academy, Secundrabad
6. Rajiv Gandhi National University of Law, Patiala, Punjab
7. Rajiv Gandhi National Institute of Youth Development, Tamil Nadu Ministry of Youth Affairs and Sports
Budgetary Allocation 2008-09 – 1.50 crore
Budgetary Allocation 2009-10 – 3.00 crore
8. Rajiv Gandhi Aviation Academy, Begumpet, Hyderabad, A.P
9. Rajiv Gandhi Institute of Technology, Kottayam, Kerala
10. Rajiv Gandhi College of Engineering Research & Technology, Chandrapur, Maharashtra
11. Rajiv Gandhi College of Engineering, Airoli, Navi Mumbai, Maharashtra
12. Rajiv Gandhi University, Itanagar, Arunachal Pradesh
13. Rajiv Gandhi Institute of Technology, Chola Nagar, Bangalore, Karnataka
14. Rajiv Gandhi Proudyogiki Vishwavidyalaya, Gandhi Nagar, Bhopal, M.P.
15. Rajiv Gandhi D.e.d. College, Latur, Maharashtra
16. Rajiv Gandhi College, Shahpura, Bhopal
17. Rajiv Gandhi Foundation, Rajiv Gandhi Institute for Contemporary Studies, New Delhi
18. Rajiv Gandhi Institute of Petroleum Technology, Raebareli, U.P.
19. Rajiv Gandhi Homeopathic Medical College, Bhopal, M.P.
20. Rajiv Gandhi Institute of Post Graduate Studies, East Godavari District, A.P.
21. Rajiv Gandhi College of Education, Thumkur, Karnataka
22. Rajiv Gandhi College of Veterinary & Animal Sciences, Pondicherry, Tamil Nadu
23. Rajiv Gandhi Institute of IT and Biotechnology, Bhartiya Vidhyapeeth
24. Rajiv Gandhi High School, Mumbai, Maharashtra
25. Rajiv Gandhi Group of Institutions, Satna, M.P.
26. Rajiv Gandhi College of Engineering, Sriperumbudur, Tamil Nadu
27. Rajiv Gandhi Biotechnology Centre, R.T.M., Nagpur University
28. Rajiv Gandhi Centre for Biotechnology, Thiruvananthapuram, Kerala
29. Rajiv Gandhi Mahavidyalaya, Madhya Pradesh
30. Rajiv Gandhi Post Graduate College, Allahabad, U.P.
31. Rajiv Gandhi Institute of Technology, Bangalore, Karnataka
32. Rajiv Gandhi Govt. PG Ayurvedic College, Poprola, Himachal Pradesh
33. Rajiv Gandhi College, Satna, M.P.
34. Rajiv Gandhi Academy for Aviation Technology, Thiruvananthapuram, Kerala
35. Rajiv Gandhi Madhyamic Vidyalaya, Maharashtra
36. Rajiv Gandhi Institute of Contemporary Studies, Islamabad, Pakistan
37. Rajiv Gandhi Centre for Innovation and Entrepreneurship
38. Rajiv Gandhi Industrial Training Centre, Gandhinagar
39. Rajiv Gandhi University of Knowledge Technologies, Andhra Pradesh
40. Rajiv Gandhi Institute Of Distance Education, Coimbatore, Tamil Nadu
41. Rajiv Gandhi Centre for Aquaculture , Tamil Nadu
42. Rajiv Gandhi University (Arunachal University), A.P.
43. Rajiv Gandhi Sports Medicine Centre (RGSMC), Kerela
44. Rajiv Gandhi Science Centre, Mauritus
45. Rajiv Gandhi Kala Mandir, Ponda, Goa
46. Rajiv Gandhi Vidyalaya, Mulund, Mumbai
47. Rajiv Gandhi Memorial Polytechnic, Bangalore, Karnataka
48. Rajiv Gandhi Memorial Circle Telecom Training Centre (India), Chennai
49. Rajiv Gandhi Institute of Pharmacy, Kasagod, Kerala
50. Rajiv Gandhi Memorial College Of Aeronautics, Jaipur
51. Rajiv Gandhi Memorial First Grade College, Shimoga
52. Rajiv Gandhi Memorial College of Education, Jammu & Kashmir
53. Rajiv Gandhi South Campus, Barkacha, Varanasi
54. Rajiv Gandhi Memorial Teacher’s Training College, Jharkhand
55. Rajiv Gandhi Degree College, Rajahmundry, A.P.
56. Indira Gandhi National Open University (IGNOU), New Delhi
57. Indira Gandhi Institute of Development & Research, Mumbai, Maharashtra
58. Indira Gandhi National Forest Academy, Dehradun
59. Indira Gandhi RashtriyaUran Akademi, Fursatganj Airfield, Rae Bareli, Uttar Pradesh
60. Indira Gandhi Institute of Development Research, Mumbai
61. Indira Gandhi National Tribal University, Orissa
62. Indira Gandhi B.Ed. College, Mangalore
63. Smt. Indira Gandhi College of Education, Nanded, Maharashtra
64. Indira Gandhi Balika Niketan B.ED. College, Jhunjhunu, Rajasthan
65. Indira Gandhi Krishi Vishwavidyalaya, Raipur, Madhya Pradesh
66. Smt. Indira Gandhi College of Engineering, Navi Mumbai, Maharashtra
67. Smt. Indira Gandhi Colelge, Tiruchirappalli
68. Indira Gandhi Engineering College, Sagar, Madhya Pradesh
69. Indira Gandhi Institute of Technology, Kashmere Gate, Delhi
70. Indira Gandhi Institute of Technology, Sarang, Dist. Dhenkanal, Orissa
71. Indira Gandhi Institute of Aeronautics, Pune, Maharashtra
72. Indira Gandhi Integral Education Centre, New Delhi
73. Indira Gandhi Institute of Physical Education & Sports Sciences, Delhi University, Delhi
74. Indira Gandhi High School, Himachal
75. Indira Kala Sangit Vishwavidyalaya, Chhattisgarh
76. Indira Gandhi Medical College, Shimla
77. Jawaharlal Nehru Technological University, Kukatpally, Andhra Pradesh
78. Nehru Institute of Mountaineering, Uttarakashi
79. Pandit Jawaharlal Nehru Institute of Business Management, Vikram University
80. Jawaharlal Nehru University, New Delhi
81. Jawaharlal Nehru Centre for Advanced Scientific Research, Bangalore
82. Jawaharlal Nehru Technological University, Kukatpally, AP
83. Jawaharlal Nehru Engineering College in Aurangabad, Maharashtra
84. Jawaharlal Nehru Centre for advanced Scientific Research, a deemed university, Jakkur, P.O. Bangalore
85. Jawaharlal Nehru Institute of Social Studies, affiliated to Tilak Maharashtra Vidyapith (Pune, Maharashtra)
86. Jawaharlal Nehru College of Aeronautics & Applied Sciences, Coimbatore, (ESTD 1968)
87. Jawaharlal Nehru Institute of Technology, Katraj, Dhankwdi, Pune, Maharashtra
88. Kamal Kishore Kadam’s Jawaharlal Nehru Engineering College in Aurangabad, Maharashtra
89. Jawaharlal Nehru Institute of Education & Technological Research, Nanded, Maharashra
90. Jawaharlal Nehru College, Aligarh
91. Jawaharlal Nehru Technological University, Hyderabad
92. Jawaharlal Nehru Krishi Vishwavidyalaya, Jabalpur
93. Jawaharlal Nehru B.Ed. College, Kota, Rajasthan
94. Jawaharlal Nehru P.G. College, Bhopal
95. Jawaharlal Nehru Government Engineering College, Sundernagar, District Mandi, H.P.
96. Jawaharlal Nehru PublicSchool, Kolar Road, Bhopal
97. Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada, A.P.
98. Jawaharlal Nehru Institute of Technology, Ibrahimpatti, Andhra Pradesh
Awards:
1. Rajiv Gandhi Award for Outstanding Achievement
2. Rajiv Gandhi Shiromani Award
3. Rajiv Gandhi Shramik Awards, Delhi Labour Welfare Board
4. Rajiv Gandhi National Sadbhavana Award
...5. Rajiv Gandhi Manav Seva Award
6. Rajiv Gandhi Wildlife Conservation Award
7. Rajiv Gandhi National Award Scheme for Original Book Writing on Gyan Vigyan
8. Rajiv Gandhi Khel Ratna Award
9. Rajiv Gandhi National Quality Award, Instituted by Bureau of Indian Standards in 1991
10. Rajiv Gandhi Environment Award for Clean Technology, Ministry of Environment & Forest, Govt. of India
11. RajivGandhi Travelling Scholarship
12. Rajiv Gandhi(UK) Foundation Scholarship
13. Rajiv Gandhi Film Awards (Mumbai)
14. Rajiv Gandhi Khelratna Puraskar
15. Rajiv Gandhi Parisara Prashasti, Karnataka
16. RajivGandhi Vocational Excellence Awards
17. Rajiv Gandhi Excellence award
18. Indira Gandhi Peace Prize
19. Indira Gandhi Prize for National Integration
20. Indira Gandhi Priyadarshini Award
21. Indira Priyadarshini Vrikshamitra Awards, Ministry of Environment and Forests
22. Indira Gandhi Memorial National Award forBest Environmental & Ecological
23. Indira Gandhi Paryavaran Purashkar
24. Indira Gandhi NSS Award
25. Indira Gandhi Award for National Integration
26. Indira Gandhi Official Language Award Scheme
27. Indira Gandhi Award for Best First Film
28. Indira Gandhi Rajbhasha Awards for The Town Official Language
29. Indira Gandhi Prize” for Peace, Disarmament and Development
30. Indira Gandhi Prize for Popularization of Science
31. Implementation
32. Indira Gandhi Shiromani Award
33. Indira Gandhi NSS Award/National Youth
34. Indira Gandhi Paryavaran Pushar award – search n correct
35. Indira Gandhi N.S.S Awards
36. Indira Gandhi award for social service, MP Govt.
37. Post Graduate Indira Gandhi Scholarship Scheme
38. Indira Gandhi Rajbhasha Award Scheme
39. Indira Gandhi Rajbhasha Shield Scheme
40. Indira Gandhi Vision of Wildlife Conservation Zoo, a seminar organized by Indira Gandhi National Forest Academy.
41. Jawaharlal Nehru award for International peace worth Rs 15 lakh cash given to many international figures, every year, including Yasser Arafat of Palestine Liberation Front in 1988 and U Thant in 1965.
42. Soviet Land Nehru Award, a cash prize of Rs. 20,000 given to Shyam Benegal in Dec 89, in recognition of the above film.
43. Jawaharlal Nehru Balkalyan awards of Rs.10,000 each to 10 couples by Govt. of Maharashtra (ToI-28-4-89).
44. Jawaharlal Nehru Memorial Fund, New Delhi, for Academic Achievement
45. Jawaharlal Nehru birth centenary research award for energy
46. Jawaharlal Nehru Award for International Understanding
47. Nehru Bal Samiti Bravery Awards
48. Jawaharlal Nehru Memorial Medal
49. Jawaharlal Nehru Prize” from 1998-99, to be given to organizations (preferably NGOs) for Popularization of Science.
50. Jawaharlal Nehru National Science Competition
51. Jawarharlal Nehru Student Award for research project of evolution of DNA
Scholarship / Fellowship:
1. Rajiv Gandhi Scholarship Scheme for Students with Disabilities
2. Rajiv Gandhi National Fellowship Scheme for SC/ST Candidates, Ministry of Social Justice and Empowerment
Budgetary Allocation for 2008-9 – 26.40 cror...es
Budgetary Allocation for 2009-10 – 23.70 crores
3. Rajiv Gandhi National Fellowship Scheme for ST Candidates
Budgetary Allocation for 2008-09 – 29.00 crores
Budgetary Allocation for 2009-10 – 42.00 crores
4. Rajiv Gandhi Fellowship, IGNOU
5. Rajiv Gandhi Science Talent Research Fellows
6. Rajiv Gandhi Fellowship, Ministry of Tribal Affairs
Budgetary Allocation for 2008-9 - 16.00 crores
Budgetary Allocation for 2009-10 – 22.50 crores
7. Rajiv Gandhi National Fellowship Scheme for scheduled castes and scheduled tribes candidates given by University Grants Commission
8. Rajiv Gandhi Fellowship sponsored by the Commonwealth of Learning in association with Indira Gandhi National Open University
9. Rajiv Gandhi science talent research fellowship given by Jawaharlal Nehru Centre for advanced scientific research (to promote budding scientists) done in tandem with Department of Science and Technology and Rajiv Gandhi Foundation
10. Rajiv Gandhi HUDCO Fellowships in the Habitat Sector (to promote research in the field of sustainable Habitat development) for MPhil, {PhD Students for 2 to 3 years, conferred by HUDCO
11. Indira Gandhi Memorial Fellowships check
12. Fullbright scholarship now renamed Fullbright- Jawaharlal Nehru Scholarship
13. Cambridge Nehru Scholarships, 10 in number, for research at Cambridge University, London, leading to Ph. D. for 3 years, which include fee, maintenance allowance, air travel to UK and back.
14. Scheme of Jawaharlal Nehru Fellowships for Post-graduate Studies, Govt. of India.
15. Nehru Centenary (British) Fellowships/Awards
National Parks/ Sanctuaries/ Museums :
1. Rajiv Gandhi (Nagarhole) Wildlife Sanctury, Karnataka
2. Rajiv Gandhi Wildlife Sanctury, Andhra Pradesh
3. Indira Gandhi National Park, Tamil Nadu
4. Indira Gandhi Zoological Park , New Delhi
...5. Indira Gandhi National Park, Anamalai Hills on Western Ghats
6. Indira Gandhi Zoological Park, Vishakhapatnam
7. Indira Gandhi Rashtriya Manav Sangrahalaya (IGRMS)
8. Indira Gandhi Wildlife Sanctuary, Pollachi
9. Rajiv Gandhi Health Museum
10. The Rajiv Gandhi Museum of Natural History
11. Indira Gandhi Memorial museum, New Delhi
12. Jawaharlal Nehru museum in Aurangabad, Maharashtra opened by state govt.
13. Jawaharlal Nehru memorial Gallery, London
14. Jawaharlal Nehru planetarium, Worli, Mumbai.
15. Jawaharlal Nehru National Science Exhibition for Children
Hospitals/Medical Institutions:
1. Rajiv Gandhi University of Health Science, Bangalore, Karnataka
2. Rajiv Gandhi Cancer Institute & Research Centre, Delhi
3. Rajiv Gandhi Home for Handicapped, Pondicherry
4. Shri Rajiv Gandhi college of Dental... Science & Hospital, Bangalore, Karnataka
5. Rajiv Gandhi Centre for Bio Technology, Thiruvanthapuram, Kerala
6. Rajiv Gandhi College of Nursing, Bangalore, Karnataka
7. Rajiv Gandhi Super Specialty Hospital, Raichur
8. Rajiv Gandhi Institute of Chest Diseases, Bangalore, Karnataka
9. Rajiv Gandhi Paramedical College, Jodhpur
10. Rajiv Gandhi Medical College, Thane, Mumbai
11. Rajiv Gandhi Institute of Pharmacy, Karnataka
12. Rajiv Gandhi Hospital, Goa
13. Rajiv Gandhi Mission on Community Health, Madhya Pradesh
14. Rajiv Gandhi Super Specialty Hospital, Delhi
15. Rajiv Gandhi Homoeaopathic Medical College, Chinar Park, Bhopal, M.P
16. North Eastern Indira Gandhi Regional Institute of Health & Medical Sciences , Shilong, Meghalaya
17. Indira Gandhi Medical College, Shimla
18. Indira Gandhi Institute of Child Health, Bangalore
19. Indira Gandhi Institute of Medical Sciences, Sheikhpura, Patna
20. The Indira Gandhi Paediatric Hospital, Afghanistan
21. Indira Gandhi Institute of Child Health Hospital, Dharmaram College, Bangalore
22. Indira Gandhi Institute of Child Heath, Bangalore
23. Indira Gandhi Medical College, Shimla
24. Indira Gandhi Institute of Dental Science, Kerala
25. Indira Gandhi Memorial Ayurvedic Medical College & Hospital, Bhubaneshwar
26. Indira Gandhi Government Medical College and Hospital, Nagpur
27. Indira Gandhi Eye Hospital And Research Centre, Kolkata
28. Indira Gandhi Hospital, Shimla
29. Indira Gandhi Women and Children Hospital , Bhopla
30. Indira Gandhi Gas Relief hospital, Bhopal
31. Kamla Nehru Hospital, Shimla
32. Chacha Nehru Bal Chikitsalaya
33. Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education and Research (JIPMER), Puducherry
Budgetary Allocation 2008-09 – 127.84 crores
Budgetary Allocation 2009-10 – 117.51 crores
34. Jawaharlal Nehru Cancer Hospital and Research Centre, Bhopal
35. Jawaharlal Nehru Medical College in Raipur.
36. Nehru Homoeopathic Medical College & Hospital, New Delhi
37. Nehru, Science Centre, Worli, Mumbai
38. Jawaharlal Nehru Cancer Hospital & Research Centre, Bhopal
39. Pandit Jawaharlal Nehru Institute of Homoeopathic Medical Sciences, Maharashtra
Institutions / Chairs / Festivals:
1. Rajiv Gandhi National Institute of Youth Development. (RGNIYD), Ministry of Youth and Sports
2. Rajiv Gandhi National Ground Water Training & Research Institute, Faridabad, Haryana
3. Rajiv Gandhi Food Secu...rity Mission in Tribal Areas
4. Rajiv Gandhi National Institute of Youth Development
5. Rajiv Gandhi Shiksha Mission, Chhattisgarh
6. Rajiv Gandhi Chair Endowment established in 1998 to create a Chair of South Asian Economics
7. Rajiv Gandhi Project – A pilot to provide Education thru Massive Satellite Connectivity up grassroot Level
8. Rajiv Gandhi Rural Housing Corporation Limited (Government of Karnataka Enterprise)
9. Rajiv Gandhi Information and Technology Commission
10. Rajiv Gandhi Chair for Peace and Disarmament
11. Rajiv Gandhi Music Festival
12. Rajiv Gandhi Memorial Lecture
13. Rajiv Gandhi Akshay Urja Diwas
14. Rajiv Gandhi Education Foundation, Kerala
15. Rajiv Gandhi Panchayati Raj Convention
16. The Rajiv Gandhi Memorial Educational and Charitable Society, Kasagod,Kerala
17. Rajiv Gandhi Memorial trophy ekankika spardha, Prerana Foundation, Kari Road
18. Indira Gandhi National Centre for the Arts, Janpath, New Delhi
19. Indira Gandhi Panchayati Raj & Gramin Vikas Sansthan, Jaipur, Rajasthan
20. Indira Gandhi Centre for Atomic Research (IGCAR), Kalpakkam
21. Indira Gandhi Institute for Development and Research , Mumbai
22. Indira Gandhi Institute of Cardiology (IGIC), Patna
23. Indira Gandhi National Center for the Arts, New Delhi
24. Indira Gandhi National Foundation, Thiruvananthapuram, Kerala
25. Indira Gandhi Mahila Sahakari Soot Girani Ltd, Maharashtra
26. Indira Gandhi Conservation Monitoring Centre , Ministry of Environment & Forest
27. Post-Graduate Indira Gandhi Scholarship for Single Girl Child
28. Jawahar Shetkari Sahakari Sakhar Karkhana Ltd.
29. Nehru Yuva Kendra Sangathan
30. Jawaharlal Nehru Centenary celebrations
31. Postal stamps of different denominations and one Rupee coins in memory of Jawaharlal Nehru.
32. Jawaharlal Nehru Memorial Trust (U.K.) Scholarships
33. Jawaharlal Nehru Custom House Nhava Sheva, Maharashtra
34. Jawaharlal Nehru Centre for. Advanced Scientific Research, Bangalore
35. Jawaharlal Nehru Cultural Centre, Embassy of India, Moscow
36. Pandit Jawaharlal Nehru Udyog Kendra for Juveniles, Pune, Maharastra
37. Pandit Jawaharlal Nehru college of agriculture and research institute , Pondicherry
Roads/Buildings/places:
1. Rajiv Chowk, Delhi
2. Rajiv Gandhi Bhawan, Safdarjung, New Delhi
3. Rajiv Gandhi Handicrafts Bhawan, New Delhi
4. Rajiv Gandhi Park, Kalkaji, Delhi
...5. Indira Chowk, New Delhi
6. Nehru Planetarium, New Delhi
7. Nehru Yuvak Kendra, Chanakyapuri, New Delhi
8. Nehru Nagar, New Delhi
9. Nehru Place, New Delhi
10. Nehru Park, New Delhi Nehru House, BSZ Marg, New Delhi
11. Jawaharlal Nehru Government House New Delhi
12. Rajiv Gandhi Renewable Energy Park, Gurgaon, Haryana
13. Rajiv Gandhi Chowk, Andheri, Mumbai
14. Indira Gandhi Road, Mumbai
15. Indira Gandhi Nagar, Wadala, Mumbai
16. Indira Gandhi Sports Complex, Mulund, Mumbai
17. Nehru Nagar, Kurla, Mumbai
18. Jawaharlal Nehru gardens at Thane, Mumbai
19. Rajiv Gandhi Memorial Hall, Chennai
20. Jawaharlal Nehru Road, Vadapalani, Chennai, Tamilnadu
21. Rajiv Gandhi Salai (Old Mahabalipuram road named after Rajiv Gandhi)
22. Rajiv Gandhi Education City, Haryana
23. Mount Rajiv, a peak in Himalaya
24. Rajiv Gandhi IT Habitat, Goa
25. Rajiv Gandhi Nagar, Chennai
26. Rajiv Gandhi Park, Vijayawada
27. Rajiv Gandhi Nagar in Coimbatore, Tamil Nadu
28. Rajiv Gandhi Nagar, Trichy, Tamil Nadu
29. Rajiv Gandhi IT Park, Hinjewadi, Pune
30. Rajiv Gandhi Panchayat Bhav , Palanpur Banaskantha
31. Rajiv Gandhi Chandigarh Technology Park, Chandigarh
32. Rajiv Gandhi Smriti Van, Jharkhand
33. Rajiv Gandhi statue, Panaji, Goa
34. Rajiv Gandhi Road, Chittoor
35. Rajiv Gandhi Memorial at Sriperumbudur
36. Indira Gandhi Memorial Library, University of Hyderabad
37. Indira Gandhi Musical Fountains, Bangalore
38. Indira Gandhi Planetarium , Lucknow
39. Indira Gandhi Centre for Indian Culture (IGCIC), High Commission of India, Mauritus
40. Indira Gandhi Zoological Park , Eastern Ghats of India
41. Indira Gandhi Canal, Ramnagar, Jaisalmer
42. Indira Gandhi Industrial Complex, Ranipet, Vellore District
43. Indira Gandhi Park, Itanagar
44. Indira Gandhi Squiare , Pondicherry
45. Indira Gandhi Road, Willingdon Island, Cochin
46. Indira Gandhi Memorial Tulip Garden, Kashmir
47. Indira Gandhi Sagar Dam, Nagpur
48. Indira Gandhi bridge, Rameshvar, Tamil Nadu
49. Indira Gandhi Hospital, Bhiwandi Nizampur Municipal Corporation
50. Indira Gandhi memorial cultural Complex, UP Govt.
51. Indira Gandhi Sports Stadium , Rohru District, Shimla
52. Indira Gandhi Panchayati Raj Sansthan , Bhopal
53. Indira Gandhi Nagar, Rajasthan
54. Indira Nagar, Lucknow
55. Roads are named after Jawaharlal Nehru in many cities e.g. in Jaipur, Nagpur, Vile Parle, Ghatkopar, Mulund etc.
56. Nehru Nagar, Ghaziabad
57. Jawaharlal Nehru Gardens, Ambarnath
58. Jawarharlal Nehru Gardens, Panhala
59. Jawaharlal Nehru market, Jammu.
60. Jawaharlal Nehru Tunnel on the Jammu Srinagar Highway
61. Nehru Chowk, Ulhas Nagar, Maharashtra.
62. Nehru Bridge on the river Mandvi, Panaji, Goa
63. Nehru Nagar Ghaziabad
64. Jawaharlal Nehru Road, Dharmatala, Kolkata
65. Nehru Road, Guwahati
66. Jawahar Nagar, Jaipur
67. Nehru Vihar Colony, Kalyanpur, Lucknow
68. Nehru Nagar, Patna
69. Jawaharlal Nehru Street, Pondicherry
70. Nehru Bazaar, Madanapalli, Tirupathi
71. Nehru Chowk, Bilaspur. M.P
72. Nehru Street, Ponmalaipatti, Tiruchirapalli
73. Nehru Nagar, S.M. Road, Ahmedabad
74. Nehru Nagar,. Nashik Pune Road
Srinath Reddy.D (Advocate)

"वन्देमातरम"

वन्देमातरम गीत नहीं मैं मंत्र हूँ जीने-मरने का|

बना रहे हथियार मुझे क्यों अपनो से ही लड़ने का|


जिनने अपनाया मुझको वे सबकुछ अपना भूल गए,

मात्रु -भूमि पर जिए-मरे हंस-हंस फंसी पर झूल गए|

वीर शिवा,राणा,हमीद लक्ष्मीबाई से अभिमानी,

भगतसिंह,आजाद,राज,सुख औ बिस्मिल से बलिदानी|

अवसर चूक न जाना उनके पद-चिन्हों पर चलने का

वन्देमातरम गीत नहीं मैं मंत्र हूँ जीने-मरने का|


करनेवाले काम बहुत हैं व्यर्थ उलझनों को छोड़ो,

मुल्ला-पंडित तोड़ रहे हैं तुम खुद अपनों को जोड़ो|

भूख,बीमारी,बेकारी,दहशत गर्दी को मिटाना है,

ग्लोबल-वार्मिंग चुनौती से अपना विश्व बचाना है|

हम बदलें तो युग बदले बस मंत्र यही है सुधरने का

वन्देमातरम गीत नहीं मैं मंत्र हूँ जीने-मरने का|


चंदा-तारे सुख देते पर पोषण कभी नहीं देते,

केवल धरती माँ से ही ये वृक्ष जीवन रस लेते|


जननी और जन्म-भूमि को ज़न्नत से बढ़कर मानें,

पूर्वज सारे एक हमारे इसी तथ्य को पहचानें|

जागो-जागो यही समय है अपनीं जड़ें पकडनें का|

वन्देमातरम गीत नहीं मैं मंत्र हूँ जीने-मरने का|
"वन्देमातरम"

देश की दुर्दशा देख कर बड़ा दुःख होता है..

करत करत अभ्यास के जड़मती होय सुजान
हो गई है ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ देखो कैसे ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
चौसठ सालों मे नेता बेईमानी में मजबूत हो गये हैं
पुलिस वाले अपना धर्म भूल गये है
प्रशासन है कि उसे फर्ज याद दिलाना पड़ता है
सूद खोरों को चल पड़ी है
जीरो परसेंट ब्याज मे भी जनता लुटी पड़ी है
पहले कुछ शर्मा लिया करते थे
अब उन्हे शर्म भी नहीं आती
आम जनता की भी करत करत अभ्यास के
इन साठ सालों मे आदत बन गइ है
गुलाम भारत से ज्यादा
गुलामी सहने कि लत लग गइ है
अब सब जड़ों तक सुजान हो गये हैं
मेरा भारत महान के किरदार हो गये हैं